'न्यायिक अनुशासन': सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को दिए निर्देश पर रोक लगाई

Sharafat

28 April 2023 3:32 PM GMT

  • न्यायिक अनुशासन: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को दिए निर्देश पर रोक लगाई

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार रात 8 बजे आयोजित एक विशेष सुनवाई में कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा पारित असामान्य आदेश पर रोक लगा दी। इस आदेश में जस्टिस गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट सेक्रेटरी जनरल को उन्हें एक विवादास्पद मीडिया साक्षात्कार का अनुवाद देने करने का निर्देश दिया था, जो सुबह मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दिखाया गया था।

    उनके समक्ष विचाराधीन मामले के बारे में जस्टिस गंगोपाध्याय के टेलीविजन साक्षात्कार पर आपत्ति जताते हुए शीर्ष अदालत ने आज पहले पश्चिम बंगाल के प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती घोटाले के मामले को उनकी पीठ से स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था।

    उसके बाद आज शाम, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने स्वत: ही एक आदेश पारित किया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के जनरल सेक्रेटरी को उनके समक्ष प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखे गए साक्षात्कार का अनुवाद पेश करने का निर्देश दिया।

    न्यायाधीश ने जनरल सेक्रेटरी को आदेश का पालन करने के लिए आज आधी रात की समय सीमा दी थी।

    इस असाधारण घटनाक्रम को देखते हुए आज रात 8 बजे जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ की एक विशेष सुनवाई की।

    जस्टिस ए एस बोपन्ना ने मौखिक रूप से कहा, "आज पहले पारित किए गए पहले के आदेश के अनुसार विद्वान न्यायाधीश ने न्यायिक पक्ष पर एक आदेश पारित किया जो उचित नहीं था।"

    "विद्वान न्यायाधीश को आदेश पारित नहीं करना चाहिए था। इस पर रोक लगाई जा सकती है", एसजी ने खंडपीठ से सहमति व्यक्त की।

    "जैसा कि विद्वान सॉलिसिटर जनरल ने ठीक ही कहा है, वर्तमान प्रकृति के आदेश को न्यायिक कार्यवाही में पारित नहीं किया जाना चाहिए था, विशेष रूप से न्यायिक अनुशासन को ध्यान में रखते हुए। पीठ ने आदेश पर रोक लगाते हुए दर्ज किया।

    पीठ ने न्यायाधीश को सूचित करने के लिए न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल को कलकत्ता हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को तुरंत स्थगन आदेश संप्रेषित करने का निर्देश दिया।

    कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने आज सुप्रीम कोर्ट के जनरल सेक्रेटरी को निर्देश दिया था कि वह आधी रात तक उन्हें उनके द्वारा मीडिया में दिए गए साक्षात्कार की ट्रांसक्रिप्ट कॉपी उपलब्ध कराएं, जिसे सुप्रीमकोर्ट के समक्ष रखा गया था।

    जस्टिस गंगोपाध्याय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उक्‍त आदेश पारित किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि वह अपने साक्षात्कार के आधिकारिक अनुवाद की प्रति और हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के हलफनामे का रात 12:15 बजे तक अपने चैंबर में प्रतीक्षा करेंगे। आदेश में कहा गया, "पारदर्शिता के लिए, मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को निर्देश देता हूं कि वे मेरे सामने रिपोर्ट और मेरे द्वारा मीडिया में दिए गए साक्षात्कार का आधिकारिक अनुवाद और इस न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल का हलफनामा आज मध्यरात्रि 12 बजे तक पेश करें। पारदर्शिता के लिए यह आवश्यक है। मैं आज मध्यरात्रि में 12:15 बजे तक अपने कक्ष में दो सेट मूल प्रतियों की प्रतीक्षा करूंगा, जिन्हें आज सुप्रीम कोर्ट में के माननीय न्यायाधीशों के समक्ष रखा गया है।"

    जस्टिस गंगोपाध्याय द्वारा आदेश सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश के कुछ देर बात आया था। अब तक, इस मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय देख रहे थे, जिन्होंने सीबीआई और ईडी को टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से पूछताछ करने का निर्देश दिया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस गंगोपाध्याय के एबीपी आनंद के साक्षात्कार पर आपत्ति जताने के 4 दिन बाद यह आदेश पारित किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर बनर्जी के खिलाफ बात की थी। अदालत ने टिप्पणी की थी कि "न्यायाधीश लंबित मामलों पर साक्षात्कार नहीं दे सकते हैं," और स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या कथित बयान सिंगल जज दिए गए थे या नहीं।

    आदेश पारित करने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने उस संबंध में न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के हलफनामे के साथ इस न्यायालय के मूल पक्ष के अनुवाद विभाग द्वारा बनाई गई एक रिपोर्ट और ट्रांसक्रिप्ट का अवलोकन किया था। उक्त सामग्री को उसके निर्देशों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर किया गया था।

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