सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2022 से आपराधिक अपील में सुरक्षित निर्णय की स्थिति पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगी
Sharafat
9 May 2023 7:30 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को 2014 में दायर एक आपराधिक अपील के स्टेटस पर एक रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया, जिस पर फैसला सुरक्षित रखने के बाद से उसका स्टेटस याचिकाकर्ता को मालूम नहीं हो सका है।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि
“ इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया जाता है कि वह इस न्यायालय को 04.08.2022 की कार्यवाही के बारे में एक रिपोर्ट भेजें और यह भी कि क्या अपील में कोई फैसला सुनाया गया है या नहीं।"
न्यायालय एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड आरएचए सिकंदर के माध्यम से दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रहा था। ट्रायल कोर्ट द्वारा 2005 में हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले याचिकाकर्ता के लिए जमानत मांगी थी।
याचिकाकर्ता के वकील का तर्क है कि दोषसिद्धि को 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक अपील के माध्यम से चुनौती दी गई थी।
उन्होंने कहा कि नौ साल बाद भी यह अभी भी फैसले की घोषणा के लिए लंबित है, जिसे हाईकोर्ट ने 4 अगस्त, 2022 को सुरक्षित रख लिया था।
उन्होंने आगे प्रस्तुत किया कि चूंकि फैसला सुरक्षित रखा जा चुका है, इसलिए जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जा रहा है।
अदालत ने कहा कि उक्त तारीख को निर्णय सुरक्षित रखा गया था, "लेकिन 04.08.2022 के आदेश को न तो ऑनलाइन अपलोड किया गया है और न ही याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराया गया है।"
इसने आगे कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही "16 साल 9 महीने और 18 दिन वास्तविक हिरासत में पूरे कर चुका है।"
आपराधिक अपील की स्टेटस पर रिपोर्ट करने के लिए आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिया कि, "आदेश आज ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को प्रेषित किया जाए।"
मामले को आगे के विचार के लिए 15 मई को पोस्ट किया गया है।
केस टाइटल: उमेश राय @ गोरा राय बनाम भारत संघ
याचिकाकर्ता के वकील: एओआर आरएचए सिकंदर, समीर राय, प्रतीक गुप्ता
आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें