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सुनंदा पुष्कर केस, दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा, थरूर पर चले हत्या का मुकदमा

LiveLaw News Network
1 Sep 2019 4:47 AM GMT
सुनंदा पुष्कर केस, दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा, थरूर पर चले हत्या का मुकदमा
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दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में कहा कि 2014 में पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने या "वैकल्पिक" तौर पर हत्या के आरोप में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

जांच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार से कहा, " कृपया आईपीसी की धारा 498-ए (पति या उसके रिश्तेदार की क्रूरता से पीड़ित महिला), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना ) या वैकल्पिक तौर पर 302 (हत्या) का मामला अभियुक्त (थरूर) के खिलाफ दर्ज करें।

वरिष्ठ सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने मामले में आरोप तय करने पर बहस के दौरान ये दलीलें दीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री, जो इस मामले में जमानत पर हैं, को दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए और 306 के तहत आरोपित किया था।

दंपत्ति के घरेलू नौकर के एक बयान को पढ़ते हुए, जो इस मामले में गवाहों में से एक है, अभियोजक ने कहा कि दंपत्ति की 'केटी' नाम की एक लड़की और कुछ ब्लैकबेरी संदेशों पर लड़ाई हुई थी।

अभियोजक ने कहा कि मौत से पहले, पुष्कर आईपीएल मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करना चाहती थी और उसने कहा था कि "मैं उसे (थरूर) नहीं छोड़ूंगी।"

गवाह ने पुलिस को बताया था कि निधन से एक साल पहले भी, दोनों बहुत लड़ाई करते थे। एजेंसी ने अदालत को बताया कि पुष्कर अपने वैवाहिक जीवन में "व्यथित" थी और "विश्वासघात" महसूस कर रही थी।

पुलिस ने अदालत को बताया कि पुष्कर अपने पति के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण मानसिक पीड़ा का शिकार थी। एजेंसी ने कहा कि पति के साथ उसकी हाथापाई हुई थी और मौत से कुछ दिन पहले उसके शरीर पर चोट के निशान लगे थे। पुलिस ने थरूर पर अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया, जिसने उसे आत्महत्या करने के लिए उसे विवश किया।

जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, पुष्कर की मौत का कारण जहर था और उसके शरीर के विभिन्न हिस्सों पर 15 चोटों के निशान पाए गए, जिनमें हाथ, पैर भी शामिल थे।

अभियोजक ने अदालत को आगे बताया कि थरूर के पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के साथ संबंध भी पुष्कर की मानसिक पीड़ा में शामिल हैं।

अभियोजक ने अदालत को पुष्कर की दोस्त और पत्रकार नलिनी सिंह के बयान के बारे में भी अवगत कराया, जो चार्जशीट का हिस्सा है, कि दोनों के बीच संबंध तनावपूर्ण और खराब थे।

"उसने (पुष्कर) ने बताया कि उसने थरूर को आईपीएल के मामले में बहुत मदद की। उसे तरार और थरूर के बीच कुछ संदेश मिले। उसने अपने घर जाने से इनकार कर दिया और इसके बजाय लीला होटल चली गईं। दंपत्ति के बीच संबंध बहुत खराब थे, " नलिनी ने अपने बयान में कहा था।

थरूर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा दी गई दलीलें चार्जशीटके विपरीत हैं और उसके द्वारा लगाए गए आरोप "बेतुके और पूर्वाग्रहपूर्ण" हैं। अब मामले को अगली सुनवाई के लिए 17 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया गया है।

दरअसल आगे की कार्यवाही के लिए मामला पहले सेशन कोर्ट में भेजा गया था। चार्जशीट में सूचीबद्ध अपराध के लिए अधिकतम सजा 10 साल की कैद है। हालांकि, अगर 302 (हत्या) के लिए दोषी ठहराया जाता है तो अधिकतम सजा मृत्युदंड है जबकि न्यूनतम आजीवन कारावास है।

पुष्कर की मौत ने उस समय सनसनी मचा दी थी, जब तरार के साथ कथित अफेयर को लेकर ट्विटर पर इस दंपति के बीच मनमुटाव हुआ। पुष्कर ( 51) को 17 जनवरी, 2014 की रात को दिल्ली के चाणक्यपुरी में पांच सितारा होटल लीला के एक कमरे में मृत पाया गया था।वो होटल में उस समय ठहरे हुए थे जब थरूर का आधिकारिक बंगले का पुनर्निमाण किया जा रहा था।

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