"हाईकोर्ट के सिर्फ 'पुनर्विचार आदेश' के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका सुनवाई योग्य नहीं": सुप्रीम कोर्ट ने कहा

LiveLaw News Network

10 March 2021 12:29 PM IST

  • हाईकोर्ट के सिर्फ पुनर्विचार आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका सुनवाई योग्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के सिर्फ 'पुनर्विचार आदेश (Review Order)' के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) सुनवाई योग्य नहीं है।

    इस मामले में मूल आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमित याचिका 2010 को पुनर्विचार आवेदन (आवेदनों) दायर करने या पुनर्विचार आवेदन (आवेदनों) में एक प्रतिकूल फैसले के मामले में फिर से शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दिए बिना ही खारिज कर दी गई। इसके बाद याचिकाकर्ताओं द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर की गई, इसे भी खारिज कर दिया गया। उच्च न्यायालय द्वारा पुनर्विचार याचिका को खारिज करने के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की गई।

    दिल्ली नगर निगम बनाम यशवंत सिंह नेगी (2020) 9 SCC 815 मामले में इस न्यायालय के निर्णय के मद्देनजर याचिकाकर्ता न्यायालय के सिर्फ पुनर्विचार आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर नहीं कर सकता है। इसलिए विशेष अनुमित याचिका को खारिज किया जाता है क्योंकि यह सुनवाई योग्य नहीं है।

    यशवंत सिंह नेगी मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ स्पष्ट करते हुए हाईकोर्ट के सिर्फ पुनर्विचार आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया था क्योंकि विशेष अनुमति याचिका में मुख्य आदेश को चुनौती नहीं दी गई थी।

    पीठ ने कहा कि,

    "मुख्य निर्णय के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को पहले ही खारिज कर दिया गया, जो पार्टियों के बीच फाइनल होने के बाद याचिकाकर्ता के उदाहरण पर प्रभावित होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जब उच्च न्यायालय के मुख्य फैसले को किसी भी तरीके से प्रभावित नहीं किया जा सकता है, तो उच्च न्यायालय के मुख्य निर्णय की पुनर्विचार करने के लिए पुनर्विचार आवेदन को खारिज करने के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका में इस न्यायालय द्वारा कोई राहत नहीं दी जा सकती है। यह न्यायालय किसी विशेष अनुमति याचिका का स्वीकार नहीं करता है जिसमें कोई राहत नहीं दी जा सकती।"

    पीठ ने आगे कहा कि,

    "यह इस कारण है कि बुसा ओवरसीज एंड प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड और अन्य (सुप्रीम कोर्ट) में कोर्ट ने कहा था कि मुख्य आदेश चुनौती के अधीन नहीं होने पर पुनर्विचार याचिका को खारिज करने के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका का मनोरंजन नहीं करने का सिद्धांत एक पूर्ववर्ती सिद्धांत (Precedential Principle) बन गया है। इस मामले में फिर से वही पूर्ववर्ती सिद्धांत यह देखा गया।"

    केस: सुदर्शन बुडेक बनाम ओडिशा राज्य SLP (c) Diary Note (s) 43363/2019

    कोरम: जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी

    Citation: LL 2021 SC 151

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



    Next Story