शाहीन बाग : सार्वजनिक स्थानों पर धरने को लेकर दिशा- निर्देशों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका

LiveLaw News Network

4 Feb 2020 10:07 AM IST

  • शाहीन बाग : सार्वजनिक स्थानों पर धरने को लेकर दिशा- निर्देशों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका

    दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ 15 दिसंबर से चल रहे धरना- प्रदर्शन के मद्देनज़र सार्वजनिक स्थानों पर विरोध और आंदोलनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर इस मामले में व्यापक दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है।

    याचिकाकर्ता डॉक्टर नंदकिशोर गर्ग ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि शाहीन बाग का विरोध संविधान के पैरामीटर के भीतर है और इसे गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता।

    हालांकि, पूरे विरोध ने उस समय अपनी वैधता को खो दिया, जब दूसरों को संविधान से मिले संरक्षण को धता बताते हुए सार्वजनिक स्थान पर उनका रास्ता रोका गया जिससे लोगों को जबरदस्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

    उन्होंने कहा कि अत्यंत व्यस्त सार्वजनिक स्थानों जैसे दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाले सड़क मार्ग पर इस तरह के विरोध को प्रतिबंधित करने के लिए दिशानिर्देशों की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि इसका हजारों लोगों द्वारा अपनी आजीविका के लिए और अस्पताल और स्कूल जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

    गौरतलब है कि वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को कोई दिशा- निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था।

    14 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने सरकार और पुलिस को हालात को देखते हुए कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा था।

    दरअसल कालिंदी कुंज - शाहीन बाग मार्ग, ओखला अंडरपास को15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में स्थानीय लोगों द्वारा शुरू किए गए धरने के कारण बंद कर दिया गया था। यह रास्ता नोएडा, फरीदाबाद और हरियाणा जाने वाले मार्गों को जोड़ता है।

    

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