महाराष्ट्र फ्लोर टेस्ट : सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनाएगा फैसला
LiveLaw News Network
25 Nov 2019 6:44 AM GMT
महाराष्ट्र में राज्यपाल द्वारा भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के फैसले के खिलाफ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला मंगलवार तक सुरक्षित रखा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला मंगलवार सुबह 10.30 बजे सुनाएगा।
जस्टिस एनवी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन मामले की सुनवाई की। रविवार को एक विशेष सुनवाई में अदालत ने फडणवीस और महाराष्ट्र के राज्यपाल के बीच पत्राचार के दस्तावेज़ सोमवार को सुबह 10.30 बजे पेश करने के केंद्र को निर्देश दिए थे।
सॉलिसिटर जनरल ने मंगलवार को कोर्ट को बताया कि उन्होंने दोनों पत्रों को अदालत में पेश कर दिया है - एक देवेंद्र फडणवीस द्वारा राज्यपाल को समर्थन दिखाना और सरकार बनाने के लिए दावा करना और दूसरा राज्यपाल द्वारा उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना।
एसजी ने कहा कि एनसीपी नेता अजीत पवार द्वारा 22 नवंबर को राज्यपाल को सौंपे गए पत्र में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूरे 54 विधायकों के समर्थन का वादा किया था। पत्र में उल्लेख किया गया था कि पवार एनसीपी विधायक दल के प्रमुख थे।
एसजी ने राज्यपाल को फड़नवीस द्वारा भेजे गए पत्र को पढ़ा, जिसमें स्वीकार किया गया कि उनके पास 54 एनसीपी विधायकों सहित 170 विधायकों का समर्थन था।
एसजी मेहता ने कहा,
"राज्यपाल ने उनके सामने सामग्री के आधार पर कार्रवाई की। अदालत उनके विवेक पर सवाल नहीं उठा सकती।" उन्होंने शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया था कि वे राज्यपाल के सचिव के लिए पेश हो रहे हैं, क्योंकि राज्यपाल को न्यायिक कार्यवाही में एक पार्टी के रूप में नहीं बुलाया जा सकता है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल को दिया गया समर्थन पत्र पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह सोमवार सुबह 10.30 बजे वह समर्थन पत्र अदालत में पेश करे, जिसके आधार पर महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का फैसला लिया।