व्यापारी ने 1.17 करोड़ रुपए के पुराने नोट पर सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार, आरबीआई को नोटिस जारी

LiveLaw News Network

31 Aug 2019 5:53 AM GMT

  • व्यापारी ने 1.17 करोड़ रुपए के पुराने नोट पर सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार, आरबीआई को नोटिस जारी

    नोटबंदी के दौरान 1000 और 500 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध के ढाई साल से अधिक समय बाद एक ताजा याचिका मदुरै के एक व्यवसायी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है, जिसमें याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)को उसकी 1 करोड़ 17 लाख रुपये की धनराशि स्वीकार करने का निर्देश देने की गुहार लगाई है। उसने कहा है कि यह धनराशि उसके कपड़ा व्यवसाय का हिस्सा है।

    न्यायमूर्ति एन वी रमना, इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी की एक खंडपीठ ने आरबीआई को नोटिस जारी किया और इस तरह की अन्य याचिकाओं के साथ इस याचिका को टैग कर दिया जो शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं।

    AJAI Exim के प्रोप्राइटर याचिकाकर्ता के रमन ने अपनी याचिका में सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उपरोक्त राशि को बैंक के किसी भी व्यक्ति द्वारा 30 दिसंबर, 2016 को 1000 रुपये और 500 रुपए के पुराने नोटों को जमा करने की समय सीमा के अंतिम दिन भी स्वीकार नहीं किया गया था।

    याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने अपना पैसा, व्यवसाय और प्रतिष्ठा खो दी है क्योंकि उसका पैसा तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था।

    याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने आरबीआई को सूचित भी किया था और 2 जुलाई, 2019 को उन्हें जवाब मिला था कि वह किसी भी बैंक में राशि नहीं भेज सकते हैं।

    यार्न की खरीद और आपूर्ति का काम करने वाली उनकी कंपनी ने लगभग 5 करोड़ रुपये का निवेश किया था और पैसा रोटेशन में रहा। वह जो पैसा जमा करना चाहता था, वह मुनाफा नहीं था, लेकिन वास्तव में अन्य प्रतिष्ठानों से संबंधित था, जिनके साथ उसके व्यापारिक संगठन थे।

    याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे भारी नुकसान हुआ है और इस कारण निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के मामलों की धारा 138 का भी सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने न्यायालय से अनुरोध किया कि वह अपने किसी भी बैंक खाते में उसी राशि को भेजने के लिए RBI को निर्देश देने वाला एक आदेश पारित करे।

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