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सुप्रीम कोर्ट में तरुण तेजपाल की याचिका खारिज, 6 महीने में ट्रायल पूरा करने के दिए निर्देश

सहकर्मी से रेप के मामले में तहलका के संपादक तरुण तेजपाल की आरोपों को रद्द कर आरोपमुक्त करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उनके खिलाफ गोवा की निचली अदालत में ट्रायल को फिर से शुरू कर दिया गया है।
सोमवार को जस्टिस शाह ने ये फैसला सुनाते हुए यह कहा कि ये अपराध "नैतिक रूप से घिनौना" और पीड़िता की "निजता पर हमला" है। उन्होंने कहा कि आरोप गंभीर श्रेणी के हैं और पहले ही ट्रायल में काफी देरी हो चुकी है। तेजपाल फिलहाल जमानत पर हैं।
तेजपाल ने दी है बॉम्बे HC के फैसले को चुनौती
दरअसल तरूण तेजपाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ रेप के आरोपों को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में तेजपाल ने यह कहा है कि पीड़िता के बयानों और वीडियो रिकार्डिंग में विरोधाभास हैं। सुनवाई में कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य दस्तावेजो को भी देखा था।
इससे पहले 6 दिसंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने गोवा की निचली अदालत को मामले में ट्रायल जारी रखने के आदेश दिए थे। बेंच ने मापसा कोर्ट को मामले के करीब 150 गवाहों के बयान दर्ज करने के भी आदेश दिए थे। लेकिन तेजपाल की अर्जी पर वर्ष 2018 में ट्रायल पर रोक लगा दी गई।
दरअसल तेजपाल की एक जूनियर सहयोगी ने उन पर वर्ष 2013 में एक कार्यक्रम के दौरान गोवा के एक पांच सितारा होटल की एक लिफ्ट के अंदर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।