ऑनलाइन मोड से कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट आयोजित करने को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट मेंं खारिज

LiveLaw News Network

29 July 2020 7:45 AM GMT

  • ऑनलाइन मोड से कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट आयोजित करने को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट मेंं खारिज

    सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एक्सेसिबिलिटी (इंटरनेट/कंप्यूटर तक पहुंच) के मुद्दों का हवाला देते हुए ऑनलाइन मोड माध्यम से कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) आयोजित करने को चुनौती दी गई थी।

    न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और इसे खारिज कर दिया।

    अधिवक्ता मितुल जैन ने खंडपीठ को प्रस्तुत किया कि CLAT का संचालन करने के लिए कोई विशिष्ट केंद्र नहीं रखने के कदम से प्रभावी रूप से उन छात्रों को अनुमति नहीं दी जाएगी जिनके पास प्रवेश परीक्षा के लिए बैठने के लिए कंप्यूटर नहीं है।

    इस प्रस्तुति पर न्यायमूर्ति राव ने वकील से पूछा कि वह इस विशेष मुद्दे पर ही से क्यों चिंतित हैं, क्योंकि अदालत ने वर्षों में CLAT के संबंध में कई तरह की शिकायतें देखी थीं।

    वकील ने जवाब दिया कि कुछ छात्र मार्गदर्शन के लिए उनके पास आए थे।

    जवाब में जस्टिस राव ने कहा, "ओह, तो आप कोचिंग सेंटर चलाते हैं।"

    इस प्रकार यह याचिका खारिज कर दी गई।

    CLAT 2020 का आयोजन 22 अगस्त, 2020 को होना है। आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई थी।

    COVID-19 महामारी से उत्पन्न होने वाले लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के प्रभाव की समीक्षा करने के बाद, समिति ने निर्णय लिया है कि परीक्षा "कंप्यूटर-आधारित, ऑनलाइन, केंद्र-आधारित" परीक्षा के माध्यम से उपरोक्त तारीख को आयोजित की जाएगी।

    इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया कि

    "एक ऑफ-लाइन टेस्ट, जैसा कि शुरू में विचार किया गया था, सीमित केंद्रों, और प्रश्न पत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं के संचालन में महत्वपूर्ण रसद के लिए छात्रों के बड़े पैमाने पर आने जाने की आवश्यकता होगी, जो महामारी की स्थितियों के दौरान संभव नहीं है। आगे, एक - तकनीकी उपाय के तहत घर पर लाइन टेस्ट एक महत्वपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता, निष्पक्षता और अखंडता सुनिश्चित नहीं कर सकता या आवश्यक सुविधाओं को न्यायसंगत नहीं बना सकता। इसलिए, कार्य समिति ने निष्कर्ष निकाला कि शारीरिक दूरी रखने के नियम का अनुपालन करते हुए केंद्रों पर बड़ी संख्या में ऑन-लाइन टेस्ट करवाना सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा, उम्मीदवारों और टेस्ट आयोजकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के सर्वोत्तम हित में हैं। "

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