12 वीं कम्पार्टमेंट परीक्षा देने वाले छात्रों का परिणाम 10 अक्टूबर या उससे पहले आएगा : CBSE ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

LiveLaw News Network

24 Sep 2020 8:55 AM GMT

  • 12 वीं कम्पार्टमेंट परीक्षा देने वाले छात्रों का परिणाम 10 अक्टूबर या उससे पहले आएगा : CBSE ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा ब्यूरो (CBSE) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह कक्षा 12 के उन छात्रों के परिणाम 10 अक्टूबर को या उससे पहले घोषित करेगा जिन्होंने कम्पार्टमेंट परीक्षा दी है।

    जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने इस पर ध्यान दिया और कहा कि इस सबमिशन के प्रकाश में, अधिकारियों द्वारा शिकायतों से निपटा गया है।

    यह नोट करना उचित है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि उसने CBSE द्वारा कक्षा XII कम्पार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने में देरी को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान प्रवेश के लिए दिशानिर्देशों को पहले ही अंतिम रूप दे दिया है।

    अधिवक्ता अपूर करूप के माध्यम से दायर एक जवाबी हलफनामे में, यह सूचित किया गया है कि कॉलेजों के अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों के प्रथम वर्ष के लिए सत्र 2020-21 के लिए शैक्षणिक कैलेंडर पर दिशानिर्देशों में COVID-19 महामारी के मद्देनज़र ' विधिवत रूप से चल रही महामारी के कारण CBSE कम्पार्टमेंट परीक्षाओं के संचालन में देरी को ध्यान में रखा है और इसलिए उक्त परीक्षाओं के परिणाम जारी करने के लिए "पर्याप्त समय" प्रदान किया है।

    विश्वविद्यालय प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है और शेष रिक्त सीटों को भरने के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2020 होगी। इसके अलावा, दिशानिर्देशों में, जहां कहीं भी आवश्यक हो, प्रोविजनल दाखिले का प्रावधान भी किया गया है ( परीक्षाओं के प्रासंगिक दस्तावेजों 31.12.2020 तक स्वीकार किए जाएंगे)।

    सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ये हलफनामा दायर किया गया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और UGC को परिणाम घोषित करने की तिथि और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कट-ऑफ की तारीख पर समन्वय करने के लिए कहा है ताकि 29 सितंबर तक कंपार्टमेंट परीक्षा देने वाले छात्र विश्वविद्यालयों में प्रवेश का लाभ उठा सकें।

    आखिरी कंपार्टमेंट परीक्षा 29 सितंबर को आयोजित की जाएगी।

    आज वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के साथ अधिवक्ता अविष्कार सिंघवी, संजय कुमार दुबे, तन्वी दुबे और प्रणय गोयल ने कम्पार्टमेंट परीक्षा देने वाले 2 लाख छात्रों की शिकायतों को ध्यान में रखने पर अधिकारियों के प्रति पीठ के समक्ष आभार व्यक्त किया।

    दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को CBSE और UGC को परिणाम घोषित करने की तिथि और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कट-ऑफ की तारीख पर समन्वय करने के लिए कहा था ताकि 29 सितंबर तक कंपार्टमेंट परीक्षा देने वाले छात्र विश्वविद्यालयों में प्रवेश का लाभ उठा सकें।

    जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा था कि ये असाधारण परिस्थितियां हैं और CBSE और UGC दोनों को वर्तमान में कम्पार्टमेंट परीक्षा देने वाले छात्रों को समायोजित करने के लिए समन्वय में काम करना चाहिए।

    वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा छात्र याचिकाकर्ताओं के लिए पेश हुए और तर्क दिया कि अगर कंपार्टमेंट परीक्षा दे रहे छात्र कॉलेज प्रवेश का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, तो परीक्षा एक बेकार अभ्यास होगा।

    अधिवक्ता अविष्कार सिंघवी ने पीठ को बताया कि उनके और अधिवक्ता तन्वी दुबे के पास कट-ऑफ तारीखों की सूची है, लेकिन अदालत ने कहा कि वह कॉलेजों के लिए व्यक्तिगत निर्देश पारित नहीं करेगी और इसके बजाय 24 सितंबर, गुरुवार तक CBSE और UGC के निर्णय की प्रतीक्षा करेगी।

    पिछली सुनवाई में, वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने उपस्थित होकर कहा कि आमतौर पर कम्पार्टमेंट परीक्षाएं कॉलेज प्रवेश से पहले आयोजित की जाती हैं।

    उन्होंने कहा, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर कम्पार्टमेंट परीक्षा देने के बाद कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिलता है, तो हमारा पूरा साल बर्बाद हो जाता है।"

    "मैं अदालत की सहानुभूति चाहता हूं। प्रवेश पाने के लिए उनके लिए कुछ जगह बनाएं। यह उनका पहला प्रयास है। यह उनका दूसरा या तीसरा प्रयास नहीं है," उन्होंने आग्रह किया। उन्होंने प्रार्थना की कि विश्वविद्यालयों में छात्रों को अस्थायी प्रवेश देने के लिए एक दिशा-निर्देश पारित किया जाए।

    पीठ ने तब जवाब दिया कि इस तरह की राहत पर विचार करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों को नोटिस देना होगा। इस बिंदु पर, तन्खा ने सुझाव दिया कि भारत सरकार उस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर सकता है।

    इसके अनुसार, न्यायालय ने निर्देश दिया था कि याचिका की प्रति भारत संघ को प्रस्तुत की जाए।

    इस वर्ष जुलाई में वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति के आधार पर CBSE द्वारा उक्त कक्षाओं के लिए परिणाम घोषित किए जाने के बाद लगभग 2,10,000 छात्रों की ओर से याचिका दायर की गई है जिन्हें कंपार्टमेंट श्रेणी में रखा गया था।

    चार सितंबर तो पीठ ने इस याचिका पर CBSE को 7 सितंबर तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था जिसमें परीक्षा की योजना को स्पष्ट रूप से निर्धारित करने और जिस तरह से इसे आयोजित किया जाएगा, उसे लेकर हलफनामा दाखिल करने को कहा था। इसके बाद CBSE ने कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए डेटशीट भी जारी कर दी थी।

    याचिकाकर्ता के वकील ने महामारी के बीच परीक्षाओं के संचालन से जुड़ी कठिनाइयों से पीठ को अवगत कराया, जिसमें कहा गया कि मुख्य परीक्षा नहीं देने वाले छात्रों को पदोन्नत किया गया था, लेकिन कंपार्टमेंट के छात्रों को परीक्षा देनी पड़ रही है। इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि सितंबर के अंत में परीक्षाओं का आयोजन उन्हें वंचित स्थिति में छोड़ देगा क्योंकि सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिले पूरे हो चुके होंगे।

    पिछले महीने, शीर्ष अदालत ने CBSE को निर्देश देने के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि याचिकाकर्ता और कक्षा 10 वीं और 12 वीं कक्षा के अन्य छात्रों को COVID 19 के चरम के दौरान कम्पार्टमेंट परीक्षा में उपस्थित होने के लिए मजबूर न किया जाए।

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