नाबालिग से रेप और उसकी हत्या : कर्नाटक हाईकोर्ट ने मौत की सज़ा को 25 वर्ष के सश्रम कारावास में बदला, पढ़िए फैसला
LiveLaw News Network
13 Aug 2019 7:29 AM GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गत सप्ताह एक ऐसे व्यक्ति की मौत की सज़ा को आजीवन कारास में बदल दिया जिसपर आठ साल की एक लड़की से बलात्कार और उसकी हत्या का आरोप है।
हाईकोर्ट ने आरोपी की सज़ा को सश्रम कारावास में बदल दिया और कारावास की न्यूनतम अवधि 25 साल कर दी। निचली अदालत ने इस आरोपी सलीम को अपनी बहन की बेटी से बलात्कार और हत्या का दोषी पाया था और उसे मौत की सज़ा दी थी।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फ़ैसले को सही ठहराया था पर यह कहा था कि आरोपी में अभी भी सुधार की गुंजाइश है और आरोपी कोई पेशेवर हत्यारा नहीं है और उसका कोई आपराधिक रेकर्ड नहीं रहा है। आरोपी बालिग़ है और उका परिवार है और उसके सुधारने की गुंजाइश अभी ख़त्म नहीं हुई है। न्यायमूर्ति रवि मलिमथ और एचपी संदेश की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
पीठ ने आरोपी को धारा 302 के तहत बिना किसी विराम के न्यूनतम 25 साल का सश्रम कारावास झेलने और एक लाख रुपए का हर्ज़ाना भी चुकाने को कहा है। अदालत ने आदेश दिया है कि आरोपी आईपीसी की धारा 376 के तहत 10 साल तक सश्रम कारावास की सज़ा काटेगा और 10 हज़ार का जुर्माना भरेगा।