राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: कई अदालतों/न्यायाधिकरणों में आधा दिन की छुट्टी; बार एसोसिएशनों का अनुरोध- अनुपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए

Shahadat

22 Jan 2024 10:47 AM IST

  • राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: कई अदालतों/न्यायाधिकरणों में आधा दिन की छुट्टी; बार एसोसिएशनों का अनुरोध- अनुपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए

    सोमवार, 22 जनवरी को होने वाले आगामी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर, कई सरकारी और निजी संगठनों ने पूर्ण या आधे दिन की छुट्टियों की घोषणा की।

    इस कार्यक्रम में बार एसोसिएशनों ने न्यायिक मंचों से अनुरोध किया कि या तो दिन भर के लिए न्यायिक कार्य निलंबित कर दिया जाए या वकीलों या वादकारियों की गैर-उपस्थिति के कारण प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए।

    हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 22 जनवरी को अपने और राज्य की जिला न्यायपालिका के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया।

    न्यायाधिकरण:

    विभिन्न न्यायाधिकरणों ने भी अभिषेक समारोह के उपलक्ष्य में छुट्टियों या आधे दिन की घोषणा की।

    इससे पहले भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने अधिसूचना जारी की थी। इसमें कहा गया था,

    “कर्मचारियों की भारी भावना और उनके अनुरोध के कारण राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर पूरे भारत में केंद्रीय संस्थान और केंद्रीय औद्योगिक प्रतिष्ठान सहित सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में 22 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे तक आधे दिन की बंदी की घोषणा करती है।”

    डीओपीटी की उपरोक्त अधिसूचना के मद्देनजर, शुक्रवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने घोषणा की कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर उसकी सभी 15 पीठें 22 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे तक आधे दिन के लिए बंद रहेंगी। एनसीएलटी रजिस्ट्री दोपहर 3 बजे से काम करना शुरू कर देगी और एनसीएलटी बेंच दोपहर 3 बजे से शाम 4.30 बजे तक जरूरी मामलों की सुनवाई करेगी।

    राम मंदिर उद्घाटन के कारण राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) का प्रशासनिक पक्ष भी 22 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे तक बंद रहेगा। एनसीडीआरसी ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायिक कामकाज पीठों की सुविधा के अनुसार जारी रहेगा। यदि 22 जनवरी, 2024 के लिए सूचीबद्ध मामले स्थगित हो जाते हैं तो संबंधित पीठों के निर्देशों के अनुसार पुनर्निर्धारित तारीखें अधिसूचित की जाएंगी।

    केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की प्रधान पीठ भी 22 जनवरी को बंद रहेगी, जबकि कैट की अन्य पीठें उस दिन आधे दिन की छुट्टी पर रहेंगी।

    इसी तरह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कार्यालय आदेश के माध्यम से न्यायिक और प्रशासनिक दोनों पक्षों पर 22 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे तक बंद की घोषणा की।

    बार काउंसिल और अन्य बार एसोसिएशनों द्वारा प्रस्ताव पारित किया:

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कल 22 जनवरी को कार्य निलंबन की घोषणा की।

    हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद ने अभिषेक समारोह के कारण 22 जनवरी (सोमवार) को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। सोमवार दोपहर साढ़े तीन बजे एसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई और बैठक की अध्यक्षता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने की और यह निर्णय लिया।

    बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) से 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कारण अदालत की छुट्टी की अपील की थी।

    सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चेयरमैन आदिश सी. अग्रवाल ने भी सीजेआई को पत्र लिखकर सभी पीठों को सलाह दी कि वे 22 जनवरी को वकीलों की गैर-उपस्थिति के आलोक में प्रतिकूल आदेश जारी न करें।

    इसी तरह, गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट संघ के महासचिव हार्दिक ब्रह्मभट्ट ने इसी अनुरोध के साथ गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल को पत्र लिखा।

    नई दिल्ली बार एसोसिएशन ने पटियाला हाउस कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को लिखे पत्र में न्यायिक अधिकारियों से 22 जनवरी को अधिवक्ताओं और वादकारियों की अनुपस्थिति के कारण प्रतिकूल आदेश जारी नहीं करने का अनुरोध किया।

    अंत में, 20 जनवरी को जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी जिला न्यायपालिका, राजस्व अदालतों, न्यायाधिकरणों और अन्य कानूनी प्लेटफॉर्म से अनुरोध किया था कि वे 22 जनवरी को वकीलों की अनुपस्थिति को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ प्रतिकूल आदेश जारी न करें।

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