सुप्रीम कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर केंद्र ने बताया, राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा देने पर विचार करने की प्रक्रिया जारी

Shahadat

19 Jan 2023 10:22 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर केंद्र ने बताया, राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा देने पर विचार करने की प्रक्रिया जारी

    सुप्रीम कोर्ट को भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुरुवार को सूचित किया कि संस्कृति मंत्रालय में 'राम सेतु' को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा देने पर विचार करने की प्रक्रिया जारी है।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ राज्यसभा सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी।

    इस मामले में पार्टी-इन-पर्सन के रूप में पेश होने वाले स्वामी ने पहले के मौकों पर केंद्र द्वारा इस मामले में अभी तक अपना हलफनामा दाखिल नहीं करने पर आपत्ति जताई है। एसजी तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि याचिकाकर्ता मंत्रालय के समक्ष प्रतिनिधित्व करें।

    स्वामी ने कहा कि 2019 में संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने मामले पर चर्चा के लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।

    उन्होंने पूछा,

    "वे इस मामले से पीछे क्यों हट रहे हैं?"

    पीठ ने एसजी का बयान दर्ज करते हुए आदेश पारित किया कि मंत्रालय में प्रक्रिया चल रही है। पीठ ने स्वामी को अपनी इच्छानुसार कोई भी अतिरिक्त सामग्री या संचार प्रस्तुत करने की अनुमति दी। पीठ ने आगे उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी, यदि वह अपने प्रतिनिधित्व पर लिए गए निर्णय से असंतुष्ट हैं।

    स्वामी ने अनुरोध किया,

    "क्या वे मंत्री को मुझसे मिलने के लिए नामित कर सकते हैं? यह अतीत में हो चुका है। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है ..."

    एसजी ने कहा,

    "आवेदक उनसे मिल सकते हैं।"

    स्वामी ने कहा,

    "मैं किसी से नहीं मिलूंगा। हम एक ही पार्टी में हैं, वे घोषणापत्र का उल्लंघन कर रहे हैं।"

    राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत के रूप में घोषित करने का मुद्दा स्वामी ने 2007 में सेतु समुंद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ अपनी याचिका में उठाया। सेतु समुंद्रम परियोजना के तहत व्यापक ड्रेजिंग द्वारा मन्नार और पाक जलडमरूमध्य को जोड़ने के लिए 83 किमी लंबा चैनल बनाया जाना है। इस परियोजना पर राम सेतु पर प्रभाव पड़ने का आरोप लगाया गया। डॉ. स्वामी द्वारा पहले भी कई अवसरों पर इस मामले का उल्लेख किया जा चुका है।

    राम सेतु पुल है, जो तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर चूना पत्थर के शोलों की श्रृंखला है। यह तमिलनाडु में रामेश्वरम के पास पंबन द्वीप से श्रीलंका के उत्तरी तट पर मन्नार द्वीप तक चला जाता है। इस पुल का उल्लेख रामायण में मिलता है, जहां सीता को बचाने के लिए भगवान राम द्वारा लंका पहुंचने के लिए इसका निर्माण किया गया।

    केस टाइटल: डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत संघ और अन्य। टीसी (सी) नंबर 27/2007

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