प्रसाद मेडिकल कॉलेज मामला: भ्रष्टाचार के आरोप में दिल्ली कोर्ट ने पूर्व हाईकोर्ट जज कुद्दुसी को बतौर आरोपी समन किया
LiveLaw News Network
27 Nov 2019 10:19 AM IST
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को कई "उच्च-स्तरीय पदाधिकारियों" से सांठगांठ कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुने गए एक मामले में फैसले को प्रभावित करने की कोशिश करने के आरोप में उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आई एम क़ुद्दुसी और अन्य लोगों को बतौर आरोपी समन किया है।
उनके खिलाफ दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार सिसोदिया ने कुद्दुसी और छह अन्य को 9 जनवरी, 2020 को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
कुद्दुसी के अलावा अदालत ने प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के बी पी यादव और पलाश यादव को भी तलब किया है, जो लखनऊ में एक मेडिकल कॉलेज चलाते हैं और कथित बिचौलिए बिस्वनाथ अग्रवाल, कथित हवाला ऑपरेटर रामदेव सारस्वत, भावना पांडे और सुधीर गिरि को भी बतौर आरोपी पेश होने को कहा है ।
"चार्जशीट पर विचार करने, गवाहों के बयान और चार्जशीट के साथ दायर किए गए दस्तावेजों को देखने के बाद मेरा विचार है कि इस अपराध का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त सामग्री है। तदनुसार, मैं अपराध का संज्ञान लेता हूं, " न्यायाधीश ने सुनवाई की अगली तारीख के लिए अभियुक्त -1 से अभियुक्त -7 के लिए समन जारी किया। न्यायाधीश ने उन्हें 9 जनवरी को पेश होने का निर्देश दिया है ।
सीबीआई ने सभी सातों पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि बी पी यादव ने अपने कॉलेज प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पर सरकार द्वारा 2017-18 और 2018-19 के लिए छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी जब यादव ने कथित रूप से "उच्च-स्तरीय पदाधिकारियों" से जोड़-तोड़ करके "मामला सुलझाने" के लिए कुद्दुसी और पांडे से संपर्क किया। भुवनेश्वर निवासी अग्रवाल ने दावा किया कि वरिष्ठ अधिकारियों के साथ करीबी संबंधों का उपयोग करके मामले को उनके पक्ष में सुलझा लिया जाएगा। एजेंसी ने कहा कि अग्रवाल से सीबीआई ने एक करोड़ रुपये जब्त किए थे। अन्य आरोपियों के ठिकानों पर तलाशी के दौरान 91.90 लाख रुपये जब्त किए गए।