प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया

LiveLaw News Network

12 Jan 2022 6:39 AM GMT

  • प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5 जनवरी की पंजाब यात्रा में हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक कमेटी का गठन किया है।

    कोर्ट ने कहा, "प्रश्नों को एकपक्षीय जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता है"। यह आवश्यक है कि जांच की निगरानी न्यायिक रूप से प्रशिक्षित दिमाग करे।

    कमेटी में शामिल अन्य सदस्यों में महान‌िदेशक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, पुलिस महानिदेशक, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, एडीजीपी (सुरक्षा) पंजाब, और रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (जिन्होंने प्रधानमंत्री के दौरे से संबंधित रिकॉर्ड जब्त किए हैं) हैं।

    कमेटी के विचारार्थ बिंदु होंगे- सुरक्षा उल्लंघन के लिए कौन लोग और किस हद तक जिम्मेदार हैं, आवश्यक सुरक्षा के उपचारात्मक उपाय और संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पर सुझाव।

    चीफ जस्टिस एनवी रमाना ने कहा, "...इन सवालों को एकपक्षीय पूछताछ के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। एक न्यायिक रूप से प्रशिक्षित स्वतंत्र म‌‌स्ति‌ष्क, जिसकी सुरक्षा मुद्दों की बखूबी वाकिफ अधिकारियों द्वारा मदद की जाए, और रजिस्ट्रार जनरल, हाईकोर्ट, जिन्होंने रिकॉर्ड जब्त किया है, वे एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए बेहतरीन हैं।"

    अदालत ने जांच कमेटी को "जल्द से जल्द" रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    उल्लेखनीय है कि चीफ ज‌स्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमाना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन "लॉयर्स वॉयस" की जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया था। याचिका में प्रधानमंत्री की यात्रा में सुरक्षा चूक की जांच की मांग की गई थी।

    पिछली सुनवाई पर (10 जनवरी) कोर्ट ने सुरक्षा चूक की जांच के लिए गठित केंद्र और पंजाब सरकार की कमेटियों को जांच आगे बढ़ाने से रोक दिया था। इससे पहले 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को प्रधान मंत्रीनरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा संबंधित सभी रिकॉर्ड सुरक्षित करने का निर्देश दिया था।

    कोर्ट ने पंजाब राज्य, केंद्र और राज्य एजेंसियों को रजिस्ट्रार जनरल के साथ सहयोग करने और पूरे रिकॉर्ड तुरंत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि पुलिस महानिदेशक, चंडीगढ़ यूटी और एनआईए का एक अधिकारी, जांच के लिए नोडल अधिकारी हो सकते हैं।

    केस शीर्षक : लॉयर्स वाइस बनाम पंजाब राज्य

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