PM मोदी पर बायोपिक : चुनाव आयोग ने फिल्म देखकर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी सीलबंद रिपोर्ट, 29 को सुनवाई
Live Law Hindi
22 April 2019 5:11 PM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निर्मित बायोपिक को देखने के बाद चुनाव आयोग ने सोमवार को अपनी सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने इसे देखने के बाद चुनाव आयोग को कहा कि वो इसकी एक प्रति याचिकाकर्ता फिल्म निर्माता को भी सौंप दें। पीठ इस मामले पर अब 29 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगी।
एक संक्षिप्त आदेश में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की 3 जजों की पीठ ने कहा था, "चुनाव आयोग के आदेश की मेरिट पर टिप्पणी किए बिना, इस स्तर पर, हम चाहेंगे कि चुनाव आयोग या उसके अधिकृत प्रतिनिधि इस फिल्म को देखें और उसके बाद एक बार फिर फिल्म की सार्वजनिक स्क्रीनिंग की बात पर विचार करें।"
पीठ ने चुनाव आयोग से कहा कि वह शुक्रवार (19.04.2019) तक अपने फैसले को अंतिम रूप दे और परिणाम को सीलबंद कवर में कोर्ट को सूचित करे। अगर याचिकाकर्ता चुनाव आयोग या उसके अधिकृत प्रतिनिधि के सामने इसे देखने के लिए प्रार्थना करता है तो चुनाव आयोग इस पर भी विचार करेगा।
फ़िल्म निर्माताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया था कि चुनाव आयोग ने पूरी फिल्म देखे बिना यह प्रतिबंध लगा दिया और यह फैसला सिर्फ ट्रेलर पर आधारित था।
उन्होंने तर्क दिया था कि चुनाव आयोग की रोक उनके बोलने और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। निर्माता ने तर्क दिया कि सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणन दिए जाने के बाद आयोग के पास फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म पर लगी रोक हटाने और बायोपिक को तुरंत रिलीज करने की अनुमति देने की अदालत से प्रार्थना की।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बायोपिक सहित कुछ फिल्मों की रिलीज के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली शिकायतों पर यह आदेश पारित किया गया था। हालांकि आयोग ने माना कि ऐसी सामग्री 'विज्ञापनों' की श्रेणी में नहीं आएगी, फिर भी आयोग ने आशंकाओं को देखते हुए हस्तक्षेप करने की आवश्यकता महसूस की।