LLM छात्रा से बलात्कार : चिन्मयानंद के खिलाफ ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर करने की याचिका पर सुनवाई से जस्टिस बानुमति ने खुद को अलग किया
LiveLaw News Network
2 March 2020 1:55 PM IST
सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति बानुमति ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यौन शोषण मामले में स्वामी चिन्मयानंद को जमानत देने के आदेश को चुनौती देने और चिन्मयानंद के खिलाफ चल रहे ट्रायल को शाहजहांपुर से दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत इस मामले पर सोमवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी और इस मामले को जस्टिस बानुमथी और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया।
शुक्रवार को LLM की छात्रा से बलात्कार के आरोपी भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद के खिलाफ चल रहे ट्रायल को शाहजहांपुर से लखनऊ ट्रांसफर करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए इसे दिल्ली ट्रांसफर करने का अनुरोध किया।
शुक्रवार को वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे के समक्ष इस याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया था।
उन्होंने कहा कि चिन्मयानंद की वजह से पीड़िता को खतरा भी है। मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने सहमति जताते हुए कहा था कि 2 मार्च को मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वो सुरक्षा के लिए तुरंत राज्य सरकार से आग्रह करें। कॉलिन ने पीठ को बताया कि उन्हें सरकार ने एक गनमैन दिया है।
इससे पहले पीड़िता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा चिन्मयानंद को जमानत देने के खिलाफ पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की भी जल्द सुनवाई करने पर सहमति जताई है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 3 फरवरी को चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी। लेकिन पूरे प्रकरण में दोनों पक्षों को लेकर तल्ख टिप्पणियां भी की थी। पीठ ने ट्रायल को शाहजहांपुर से लखनऊ ट्रांसफर कर दिया था। शोषण के बावजूद पीड़ित छात्रा की चुप्पी और चिन्मयानंद से लाभ लेने की कोशिश ही जमानत का आधार भी बनी।