इलाहाबाद हाईकोर्ट में पश्चिमी यूपी से संबंधित हाइब्रिड मोड में लंबित मामलों की स्थायी सुनवाई की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर

Brij Nandan

26 July 2022 9:04 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
    सुप्रीम कोर्ट

    पश्चिमी यूपी से संबंधित इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में हाईब्रिड मोड (Hybrid Mode) के माध्यम से लंबित मामलों की स्थायी सुनवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की गई है।

    एडवोकेट अनस चौधरी द्वारा रिट याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाइब्रिड मोड के माध्यम से मामलों की सुनवाई के लिए पश्चिमी यूपी के जिला और सत्र न्यायालय में समर्पित फाइलिंग काउंटर और वर्चुअल सुनवाई स्थापित करने की भी मांग की गई थी।

    याचिका में तर्क दिया गया है कि पश्चिमी यूपी में स्थायी पीठ की अनुपस्थिति पश्चिमी यूपी के लोगों को न्याय की पहुंच से वंचित कर रही है और वकीलों और वादियों दोनों को 700 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करना मुश्किल लगता है।

    याचिका में कहा गया है,

    "उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है जिसकी आबादी लगभग 20.42 करोड़ है। राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड से पता चलता है कि हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ में लगभग 10,26,714 (दस लाख छब्बीस हजार सात सौ चौदह) मामले पूर्व में लंबित हैं। 7 हाईकोर्ट्स हैं जो इलाहाबाद में अपने स्वयं के हाईकोर्ट की तुलना में पश्चिमी यूपी के लोगों के करीब हैं। मेरठ के करीब विभिन्न अन्य उच्च न्यायालयों की दूरी यह एक बड़ा अन्याय है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वादियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सहित 7 राज्यों के हाईकोर्ट्स इलाहाबाद हाईकोर्ट की तुलना में पश्चिमी यूपी के करीब हैं।"

    केस टाइटल: अनस चौधरी बनाम भारत संघ एंड अन्य

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