लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न के लिए' वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

LiveLaw News Network

20 April 2020 8:00 AM IST

  • लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न  के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

    सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना को लागू करने मांग की गई है ताकि उन लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके, जो वर्तमान में चल रहे कोरोना वायरस संकट के बीच परेशान हैं।

    इसके लिए, यह प्रार्थना की गई है कि इसके लिए वन नेशन वन अम्ब्रेला (ONOU) योजना को अस्थायी रूप से अपनाया जा सकता है ताकि प्रवासी श्रमिकों और निराश्रितों के अधिकारों को सरकार द्वारा सुरक्षित रखा जा सके।

    वकील रीपक कंसल द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि उक्त याचिका में प्रवासियों, कर्मचारियों और अन्य नागरिकों की दुर्दशा का वर्णन है जो अपने गृह राज्य के अलावा अन्य राज्यों में विभिन्न सुविधाओं के अभाव में खुद को बंद पाते हैं। यह प्रस्तुत किया गया है कि अधिकांश राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इन प्रवासियों को नकारते हुए रियायती बुनियादी आवश्यकताओं को प्रदान करने में अपने ही राज्य के मतदाताओं को वरीयता दे रहे हैं। इस प्रकाश में यह आग्रह किया गया है कि केंद्र सरकार को विशेष रूप से इन लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए ONORC को अपनाने का निर्देश दिया जाए, जो सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए समान रूप से हकदार हैं।

    केंद्र सरकार द्वारा घोषित "वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC)" की योजना जून, 2020 में शुरू होने वाली है। वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना न होने के कारण और अन्य नीति / परिपत्र / अधिसूचना द्वारा केंद्र सरकार मजदूरों / कर्मचारियों / छोटे व्यवसायियों / दैनिक यात्रियों / पर्यटकों आदि के अधिकारों की रक्षा करने के लिए उपरोक्त वर्ग के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।

    समाज के उक्त वर्ग को केंद्रीय योजनाओं व राज्य की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है जिनमें रियायती खाद्यान्न, आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं (कोरोना के उपचार को छोड़कर) शामिल हैं। "

    संविधान के अनुच्छेद 21 को लागू करते हुए, कंसल ने तर्क दिया है कि केंद्र और राज्य सरकारें ऐसे सभी व्यक्तियों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए बाध्य हैं, और ऐसा करने के लिए उन्हें राज्य की पहचान के किसी भी भेदभाव के बिना सभी मानव जीवन को बचाने के लिए ONOU को अपनाना होगा।

    याचिका डाउनलोड करने के लिए यहांं क्लिक करेंं




    Next Story