COVID-19 : शाहीन बाग और ऐसे अन्य धरना स्थलों से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
LiveLaw News Network
19 March 2020 1:43 PM IST
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों और इस तरह के अन्य सभी धरना स्थलों पर कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर धरना/प्रदर्शन को तत्काल हटाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
यह याचिका सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता आशुतोष दुबे ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस के फैलने के खतरे के समाप्त होने के बाद प्रदर्शनकारी अपना विरोध जारी रख सकते हैं।
दुबे ने मामले की तत्काल सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एन वी रमना की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष उल्लेख किया जिसमें न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल हैं।
न्यायमूर्ति रमना ने कहा, "सीजेआई शहर में ही हैं और केवल वे ही मामले को सुनवाई के लिए आवंटित कर सकते हैं ...।"
वकील ने कहा कि जिस तरह से यह वायरस फैल रहा है उसे देखते हुए, अगले कुछ सप्ताह देश के सभी नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और प्रदर्शनकारियों को तुरंत हटा देना चाहिए। दलील के अनुसार, "कोरोना वायरस की दुनिया भर में एक महामारी के रूप में फैल रहा है और यह हर किसी के लिए गंभीर चिंता का विषय है।"
बीमारी के बढ़ते खतरे और इससे होने वाली मौत की संख्या में वृद्धि के कारण, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी को भीड़ से बाहर निकलने और घर से काम करने की सलाह दी है।
"लोगों के लिए COVID-19 संक्रमण से जुड़ी गंभीर बीमारी का खतरा है और वयस्कों और उम्र दराज़ व्यक्तियों के लिए इसके फैलने की आशंका अधिक है। कोरोना वायरस के इस तरह के खतरे के खत्म होने के बाद प्रदर्शनकारी अपना विरोध जारी रख सकते हैं।"
प्रदर्शनकारी ज्यादातर महिलाएं हैं जो 15 दिसंबर 2019 से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध कर रही हैं।