सुप्रीम कोर्ट ने सिखों को घरेलू उड़ानों में कृपाण ले जाने की अनुमति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया, याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा

Brij Nandan

5 Aug 2022 6:44 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सिख समुदाय (Sikh) के सदस्यों को घरेलू उड़ानों में कृपाण (Kirpan) ले जाने की अनुमति को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

    पीठ ने याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट का रुख करने को कहा।

    याचिका हिंदू सेना नाम के एक संगठन ने दायर की थी, जिसने सिविल उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा सिख समुदाय को दी गई छूट को भेदभावपूर्ण बताते हुए चुनौती दी थी।

    जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा,

    "आप हाईकोर्ट जाएं। हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका खारिज की जाती है।"

    याचिकाकर्ता ने 4 मार्च, 2022 को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी द्वारा जारी आदेश को चुनौती दी थी। इसमें कहा गया था कि घरेलू उड़ानों में एक सिख यात्री अपने साथ कृपाण ले जा सकता है बशर्ते उसके ब्लेड की लंबाई 15.24 सेमी (6 इंच) से अधिक न हो और कुल लंबाई 22.86 सेमी (9 इंच) से अधिक न हो। भारत के भीतर भारतीय विमानों पर हवाई यात्रा करते समय इसकी अनुमति है (केवल घरेलू उड़ानों के घरेलू मार्ग)।

    याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि छूट समानता के अधिकार का उल्लंघन करती है और भेदभावपूर्ण है।

    याचिकाकर्ता ने आगे तर्क दिया कि अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को उड़ान में सह-यात्रियों की सुरक्षा चिंताओं से सीमित किया जा सकता है।

    केस टाइटल: हिंदू सेना (Regt.) बनाम भारत संघ एंड अन्य | WP(सी 379/2022

    Next Story