छात्रों और शिक्षकों के सोशल मीडिया अकाउंट को शिक्षण संस्थानों से जोड़ने की अधिसूचना के खिलाफ याचिका

LiveLaw News Network

6 Sep 2019 9:07 AM GMT

  • छात्रों और शिक्षकों के सोशल मीडिया अकाउंट को शिक्षण संस्थानों से जोड़ने की अधिसूचना के खिलाफ याचिका

    मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा जुलाई में जारी उस अधिसूचना को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमे सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को यह निर्देश दिए गए हैं कि सभी छात्रों और शिक्षकों के सोशल मीडिया खातों को उनके संबंधित संस्थान खाते से, जिसे 'सोशल मीडिया चैंपियन' के नाम से बनाया और नामित किया जायेगा, कनेक्ट किया जाये, जिसे आगे अन्य सभी संस्थानों से और अंततः मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के साथ जोड़ा जायेगा।

    एक प्रैक्टिसिंग एडवोकेट रमेश नाइक एल. ने कोर्ट में यह कहते हुए इस सर्कुलर को चुनौती दी है कि यह अधिसूचना 'निजता के मौलिक अधिकार' का उल्लंघन करती है और HEIs के छात्रों और शिक्षकों के सामाजिक, शैक्षिक जीवन को प्रभावित करती है और यह उनके 'वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार' को भी प्रतिबंधित करती है और इसलिए यह अधिसूचना भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) और 21 का उल्लंघन करेगी।

    मुख्य न्यायाधीश अभय ओका की पीठ के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई के लिए इस याचिका के आने की संभावना है। दलील में यह कहा गया है कि मंत्रालय का निर्णय मनमाना है, और बिना तर्क के है। इसके अलावा, सोशल मीडिया खातों को जोड़ना, व्यक्ति के दृष्टिकोण और विचारों पर अप्रत्यक्ष निगरानी करना होगा, जिससे किसी के विचारों को व्यक्त करने के लिए एक बाधा उत्पन्न होगी। यह याचिका 3 जुलाई को जारी अधिसूचना को रद्द करने का अनुरोध करती है।


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