पेगासस जासूसी केस: 'जब पेगासस से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और विशेष जांच समिति मामले की जांच कर रही है तो इससे संबंधित कोई टिप्पणी या बयान पूरी तरह से अनुचित है': सुप्रीम कोर्ट में पत्र याचिका दायर

Brij Nandan

31 Jan 2022 7:35 AM GMT

  • पेगासस जासूसी केस: जब पेगासस से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और विशेष जांच समिति मामले की जांच कर रही है तो इससे संबंधित कोई टिप्पणी या बयान पूरी तरह से अनुचित है: सुप्रीम कोर्ट में पत्र याचिका दायर

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि ऐसे समय में जब पेगासस (Pegasus Case) से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच समिति मामले की जांच कर रही है, तो इससे संबंधित कोई टिप्पणी या बयान पूरी तरह से अनुचित है और कोर्ट की अवमानना है।

    यह पत्र याचिका सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट इलिन सारस्वत ने दायर की है।

    याचिकाकर्ता ने कहा,

    "मैंने न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट पढ़ी जो कि पेगासस मुद्दे से संबंधित है। इस रिपोर्ट का जिक्र इंडियन एक्सप्रेस में भी उल्लेख किया गया है। द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार ने 2017 में मिसाइल प्रणाली सहित हथियारों की खरीद के लिए हुए 2 बिलियन डॉलर के रक्षा डील में ही इजरायली स्पाईवेयर पेगासस खरीदा था।"

    पत्र याचिका के मुताबिक न्यूज की लिंक कुछ इस प्रकार है;

    https://www.nytimes.com/2022/01/28/magazine/nso- group-israel-spyware.html )

    (https://indianexpress.com/article/india/india-bought- pegasus-defence-deal-israel-2017-nyt-7746655/)

    याचिका में कहा गया है कि ऐसे समय में जब पेगासस से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच समिति मामले की जांच कर रही है, कोई टिप्पणी या बयान उक्त मामले के संबंध में जो कुछ भी किया गया है वह पूरी तरह से अनुचित है और कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आएगा।

    याचिका में आगे कहा गया कि पीठ के अंतिम निष्कर्ष प्रस्तुत किए जाने से पहले मामले की एसआईटी जांच कर रही। इसे इस अतिरिक्त साक्ष्य/सूचना को सार्वजनिक नोटिस की समान प्रक्रिया (davp 06101/11/0019/2122) के माध्यम से नोटिस में प्रदान की गई ईमेल आईडी के साथ लेने की आवश्यकता है (जिसके लिए किसी भी जानकारी को जमा करने की अंतिम तिथि 7 जनवरी 2022 थी। )

    याचिका में मांग की गई है कि एसआईटी की ईमेल आईडी को फिर से खोलने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किया जाए ताकि इच्छुक लोग अतिरिक्त जानकारी जमा कर सकें।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच से पता चला है कि फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने भी इस स्पाईवेयर को खरीदा और इसको इस्तेमाल करने के मकसद से इसका परीक्षण किया था। एफबीआई इस स्पाईवेयर को घरेलू निगरानी के लिए इस्तेमाल करना चाहती थी।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे दुनिया भर में इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया गया। जिसमें मेक्सिको द्वारा पत्रकारों और विरोधियों को निशाना बनाना, सऊदी अरब द्वारा महिला अधिकार की पक्षधर कार्यकर्ताओं के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जाना शामिल था।

    इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सऊदी अरब के गुर्गों द्वारा मार दिए स्तंभकार जमाल खशोगी के खिलाफ भी इजरायली स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया गया।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल के रक्षा मंत्रालय द्वारा नए सौदों के तहत पोलैंड, हंगरी और भारत समेत कई देशों को पेगासस दिया गया।

    पत्र याचिका की कॉपी यहां पढ़ें:



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