उड़ीसा में वकीलों की हड़ताल खत्म, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की बैठक में लिया फैसला

LiveLaw News Network

1 Nov 2019 1:14 PM GMT

  • उड़ीसा में वकीलों की हड़ताल खत्म, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की बैठक में लिया फैसला

    उड़ीसा में वकीलों की लंबे समय से चली आ रही हड़ताल आखिरकार उड़ीसा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अदालती काम को फिर से शुरू करने के संकल्प के साथ समाप्त हो गई। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण मोहंती के नेतृत्व में शुक्रवार को आयोजित एक सामान्य निकाय की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

    इस बैठक में कहा गया,

    "बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुरोध और वरिष्ठ अधिवक्ताओं और एक्शन कमेटी के सदस्यों के बहुमत के विचार और हमारे बार एसोसिएशन की शिकायतों और मांगों पर गौर करने के लिए भारत के माननीय कानून मंत्री के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन "अदालती काम से अलग रहने" के अपने पूर्व फैसले को निलंबित करते हुए जनता के हित में अदालत के काम को फिर से शुरू करने का संकल्प करती है।

    जबकि वकीलों और बार एसोसिएशन के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा और अनुचित और मनमानी कार्रवाई के खिलाफ बार आवाज उठाती रहेगी। "

    उड़ीसा में अधिवक्ता हड़ताल पर थे। वे कॉलेजियम के फैसले का विरोध करते रहे हैं, जिसमें कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले कुछ अभ्यर्थियों के नाम क्लीयर कर दिए लेकिन अन्य उम्मीदवारों के नाम क्लीयर नहीं किए।

    14 अक्टूबर को बुलाई गई एसोसिएशन की एक जनरल बॉडी मीटिंग के बाद एचसीबीए ने हड़ताल का सहारा लिया था, जिसमें सदस्यों ने सर्वसम्मति से हालिया प्रस्ताव और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम और उड़ीसा उच्च न्यायालय कॉलेजियम के रवैये की "निंदा" की थी। इसके बाद उड़ीसा उच्च न्यायालय ने प्रस्ताव का संज्ञान लिया और एसोसिएशन को अवमानना ​​नोटिस जारी किया।

    सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता, मेसर्स पीएलआर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा दायर एक स्थानांतरण याचिका में भी इस हड़ताल पर ध्यान दिया था। इस याचिका में अपने मामलों को उड़ीसा से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की थी, क्योंकि हड़ताल के कारण वे अपने मामले को तत्काल प्रस्तुत नहीं कर पा रहे थे।

    24 अक्टूबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसमें कुछ संदेह है कि उड़ीसा में वकीलों का आचरण अवमानना के दायरे में है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई में उड़ीसा स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन और उड़ीसा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश के साथ नोटिस जारी किए थे।



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