वन नेशन वन राशन कार्ड: असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल का एकीकरण शेष, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

LiveLaw News Network

14 Jun 2021 9:30 AM GMT

  • वन नेशन वन राशन कार्ड: असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल का एकीकरण शेष, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

    केंद्र ने स्वत: संज्ञान प्रवासी मजदूर मामले में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल को छोड़ दें तो लगभग 86% आबादी को कवर करने वाले कुल 32 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को दिसंबर 2020 तक वन नेशन-वन राशन कार्ड (ONORC) योजना के तहत लाया गया है।

    केंद्र ने लिखित प्रस्तुतियां प्रस्तुत की कि,

    "राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी को लागू करने के लिए इन राज्यों की तकनीकी तत्परता के आधार पर शेष 4 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेश असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल का एकीकरण हासिल होने की उम्मीद है। वन नेशन-वन राशन कार्ड (ONORC) योजना को लागू करने की जिम्मेदारी इन राज्यों पर है।"

    दिल्ली के दावे भ्रामक पैदा कर रहे हैं

    केंद्र ने कहा कि सर्कल 63 सीमापुरी में योजना के शुभारंभ के संबंध में जीएनसीटीडी के दावे भ्रामक हैं क्योंकि लगभग 42 ईपीओएस मशीनों के साथ एक ही सर्कल में केवल कुछ ही लेनदेन किए गए हैं।

    आगे प्रस्तुत किया कि,

    "आगे जब तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन औपचारिक रूप से एनसीटी दिल्ली के सभी सर्किलों के सभी एफपीएस में शुरू नहीं किया जाता है, जिसमें 2000 से अधिक ईपीओएस मशीनों की आपूर्ति की गई है और संचालन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, इसे वन नेशन-वन राशन कार्ड (ONORC) योजना के कार्यान्वयन के रूप में नहीं माना जा सकता है।"

    केंद्र ने यह भी रेखांकित किया है कि वन नेशन-वन राशन कार्ड (ONORC) योजना के पूर्ण कार्यान्वयन के साथ-साथ केंद्रीय पोर्टलों पर एनएफएसए/पीएमजीकेएवाई खाद्यान्न के लेनदेन/वितरण विवरण की रिपोर्टिंग के अभाव के कारण दिल्ली में बड़ी संख्या में अंतर-राज्यीय प्रवासी मौजूद हैं, जिनके पास एनएफएसए खाद्यान्न तक पहुंच नहीं है और दिल्ली में सब्सिडी वाले खाद्यान्न के कोटे का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

    अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा उपाय

    केंद्र ने प्रस्तुत किया कि COVID-19 के दौरान अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा उपाय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY-III) के तीसरे चरण के तहत उपलब्ध कराए गए हैं, जिसके माध्यम से सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त में केंद्रीय पूल से सभी एएवाई और पीएचएच लाभार्थियों को दो महीने यानी मई और जून 2021 के लिए 5 किलो/व्यक्ति/माह लागत पर खाद्यान्न का आवंटन किया जा रहा है।

    केंद्र ने प्रस्तुत किया कि यह योजना 80 करोड़ लाभार्थियों को कवर करती है और एनएफएसए, 2013 के अनुसार उनके सामान्य टीपीडीएस आवंटन के अलावा सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के लिए उपलब्ध है। नवंबर, 2021 तक इसके पांच महीने के विस्तार की भी घोषणा की गई है।

    आगे कहा कि इसके अलावा सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को एफसीआई से रियायती दरों पर खुले बाजार बिक्री योजना (डी) के तहत अतिरिक्त खाद्यान्न प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू/विस्तारित की गई हैं।

    केंद्र ने प्रस्तुत किया कि,

    "यह प्रस्तुत किया जाता है कि भारत सरकार वर्तमान संकट के दौरान खाद्य सुरक्षा की कठिनाई से निपटने के लिए उपरोक्त योजनाओं के तहत राज्यों को अत्यधिक रियायती कीमतों पर पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, हालांकि पहचान और वितरण की जिम्मेदारी लाभार्थी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दी गई है।"

    कोर्ट ने 11 जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि उन्हें वन नेशन-वन राशन कार्ड (ONORC) स्कीम जरूर लागू करनी चाहिए। अदालत ने कहा कि ऐसा करने पर मजदूरों को अपने राज्यों के अलावा पूरे देश में कहीं भी राशन मिल सकेगा। वहां भी जहां वे काम करने जाते हैं। कोर्ट ने स्वत: संज्ञान प्रवासी मजदूर मामले में निर्णय सुरक्षित रखा।

    केंद्र की लिखित प्रस्तुतियां यहां पढ़ें:



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