सुप्रीम कोर्ट में नूपुर शर्मा की नई अर्ज़ी, पैगम्बर पर टिप्पणी के मामले में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की प्रार्थना

LiveLaw News Network

18 July 2022 2:35 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट में नूपुर शर्मा की नई अर्ज़ी, पैगम्बर पर टिप्पणी के मामले में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की प्रार्थना

    सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक नई अर्जी दाखिल कर अपनी वापस ली गई रिट याचिका को पुनर्जीवित करने की प्रार्थना की है। नूपुर ने पहले रिट याचिका पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज कई एफआईआर को एक स्थान पर ( दिल्ली) करने की मांग करते हुए दायर की थी।

    नूपुर ने अंतरिम राहत के तौर पर मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की भी मांग की है।

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ ने नूपुर की सार्वजनिक टिप्पणियों की आलोचना की थी। इसके बाद एक जुलाई को नूपुर शर्मा ने अपनी याचिका वापस ले ली थी।

    पीठ ने नूपुर की टिप्पणियों के बारे में कहा था कि उसने "पूरे देश में आग लगा दी।"

    नूपुर की रिट याचिका में महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, असम और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में दर्ज एफआईआर को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के साथ जोड़ने की मांग की गई थी।

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने एक जुलाई को शर्मा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने शर्मा पर निचली अदालतों को दरकिनार कर सीधे शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने पर भी आपत्ति जताई थी।

    बेंच ने कहा था,

    "याचिका में उसके अहंकार की बू आती है कि देश के मजिस्ट्रेट उसके लिए बहुत छोटे हैं।"

    जस्टिस कांत ने उस सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी,

    "किसी विशेष मुद्दे पर अधिकार व्यक्त करने पर एक पत्रकार का मामला एक प्रवक्ता से अलग आधार पर है जो परिणामों के बारे में सोचे बिना गैर-जिम्मेदाराना बयानों दे रही हैं।"

    कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था और शर्मा को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा था।

    पीठ ने कहा था,

    "अदालत की अंतरात्मा संतुष्ट नहीं है। आप अन्य उपायों का लाभ उठाएं।"

    पीठ की आलोचनात्मक टिप्पणी के बाद नुपुर के वकील ने याचिका वापस ले ली थी। रिट याचिका को फिर से खोलने के लिए दायर विविध आवेदन में शर्मा का कहना है कि अदालत की आलोचनात्मक टिप्पणियों के बाद उन्हें बलात्कार की धमकी मिल रही है।

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगी।

    केस : एनवी शर्मा बनाम भारत संघ एमए 001238 - / 2022 डब्ल्यूपी (सीआरएल) 239/2022 .

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