उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत अधिवक्ताओं को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं : पासवान

LiveLaw News Network

14 March 2020 4:29 AM GMT

  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत अधिवक्ताओं को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं : पासवान

    केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत अधिवक्ताओं को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

    मंत्री ने ट्विटर के जरिए कहा कि उपभोक्ता संरक्षण नियमों में कानूनी सेवाओं को शामिल करने या उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत 'सेवाओं' की परिभाषा को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

    बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा, सह अध्यक्ष वकील वीपी शर्मा और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के चेयरमैन वकील केसी मित्तल द्वारा भेजे गए पत्रों के जवाब में ये कहा गया है।

    दरअसल कड़े शब्दों वाले पत्र में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अधिवक्ताओं को शामिल करने के किसी भी कदम के विरोध का संकेत दिया था। BCI ने चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा हुआ तो कानूनी बिरादरी "सड़कों पर विरोध करेगी।"

    12 मार्च को, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत अधिवक्ताओं को 'सेवा प्रदाताओं' के दायरे में शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में प्रदर्शन के रूप में "सफेद बाजूबंद " पहना था।

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