रोहिंग्याओं को निर्वासित करने की कोई योजना नहीं: कर्नाटक सरकार ने रोहिंग्या शरणार्थियों के निर्वासन की मांग वाली एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट को बताया
LiveLaw News Network
26 Oct 2021 12:05 PM IST
कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि "वर्तमान में राज्य में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को निर्वासित करने की उसकी कोई तत्काल योजना नहीं है।"
राज्य सरकार ने भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक रिट याचिका के जवाब में एक वर्ष के भीतर बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं सहित सभी अवैध प्रवासियों और घुसपैठियों को तत्काल निर्वासित करने की मांग के जवाब में एक बयान दायर किया।
मामले की पृष्ठभूमि
रिट याचिका में अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ और अन्य ने केंद्र और राज्य सरकारों को रोहिंग्या शरणार्थियों सहित सभी अवैध प्रवासियों और घुसपैठियों की पहचान करने, हिरासत में लेने और निर्वासित करने के लिए निर्देश देने की मांग की है। सरकारी अधिकारियों को संबंधित कानूनों में संशोधन करने के लिए निर्देश दिया। याचिका में कहा गया कि अवैध प्रवास और घुसपैठ, गैर-जमानती संज्ञेय और गैर-शमनीय अपराध; जाली/बनाए गए पैन कार्ड, आधार कार्ड और ऐसे अन्य दस्तावेजों को बनाने को गैर-जमानती और गैर-शमनीय अपराध घोषित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दें।
जस्टिस सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच ने मार्च 2021 में उक्त मामले पर नोटिस जारी किया था।
कर्नाटक सरकार: आपत्तियों का विवरण
कर्नाटक सरकार के आपत्तियों के बयान में दावा किया गया कि बेंगलुरु सिटी पुलिस ने रोहिंग्याओं को अपने अधिकार क्षेत्र में किसी भी शिविर या हिरासत केंद्र में नहीं रखा है।
इसके अलावा, कहा गया,
"बेंगलुरू शहर में पहचाने गए 72 रोहिंग्या विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और बेंगलुरु सिटी पुलिस ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है और उन्हें निर्वासित करने की तत्काल कोई योजना नहीं है।"
बयान में 72 रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान की गई, जिन्हें इसके अधिकार क्षेत्र में रहने के रूप में पहचाना गया है। यह यह भी प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए आधार स्वयं सेवा प्रकृति और कानून में अक्षम्य हैं और इस प्रकार न्याय के हित में खारिज किए जाने योग्य हैं।
अधिवक्ता वी.एन.रघुपति द्वारा की गई आपत्ति पर बयान दाखिल किया गया।