'परिस्थितियों पर कोई चर्चा या विश्लेषण नहीं किया गया': सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के आरोपी को जमानत देने के हाईकोर्ट के आदेश को रद्द किया

LiveLaw News Network

29 July 2021 11:02 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के आरोपी को जमानत देने के हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि परिस्थितियों पर कोई चर्चा या विश्लेषण नहीं किया गया है।

    न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि ऐसे मामले में जहां जमानत के पहले का आवेदन खारिज कर दिया गया है, अपीलीय अदालत पर विशेष कारणों को प्रस्तुत करने का अधिक बोझ है कि जमानत क्यों दी जानी चाहिए।

    इस मामले में आरोपी द्वारा दी गई पहली जमानत अर्जी को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। बाद में मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद आरोपी की ओर से दूसरी जमानत अर्जी दाखिल की गई जिसे हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी।

    शीर्ष अदालत की पीठ ने वास्तविक शिकायतकर्ताओं द्वारा दायर अपील पर विचार करते हुए कहा कि आरोपी की ओर से पेश वकील और लोक अभियोजक और शिकायतकर्ता द्वारा किए गए सबमिशन में उच्च न्यायालय द्वारा स्वतंत्र रूप से दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया है। उच्च न्यायालय द्वारा आरोपी को जमानत पर रिहा करने का कोई कारण नहीं बताया गया है, वह भी ऐसे मामले में जहां आरोपी आईपीसी की धारा 302 और 307 के साथ पठित धारा 149 और अन्य अपराधों के तहत दंडनीय अपराधों के आरोपों का सामना कर रहा है।

    कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा पारित जमानत आदेश को रद्द करते हुए कहा कि,

    "इस तरह के आदेश को इस न्यायालय द्वारा अस्वीकृत किया जाता है। उच्च न्यायालय ने मामले के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति, अपराधों की गंभीरता और आरोपी की भूमिका पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है। एक मामले के रूप में वास्तव में परिस्थितियों की कोई चर्चा या विश्लेषण नहीं है। उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों कि "याचिकाकर्ता के वकील द्वारा प्रस्तुत तर्कों पर विचार करते हुए मैं दूसरी जमानत आवेदन की अनुमति देना उचित समझता हूं" इस तरह का गठन नहीं करता है तर्क जो एक न्यायिक आदेश से अपेक्षित है। उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को विकृत कहा जा सकता है और जमानत देते समय विचार किए जाने वाले प्रासंगिक कारकों पर ध्यान नहीं दिया गया और इसलिए इस न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप किया गया है।"

    पीठ ने महिपाल बनाम राजेश कुमार @ पोलिया और रमेश भवन राठौड़ बनाम विशनभाई हीराभाई मकवाना (कोली) मामले में कोर्ट के फैसलों का भी हवाला दिया।

    मामला: कुमेर सिंह बनाम राजस्थान राज्य [CrA 571 of 2021]

    कोरम: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह

    CITATION: LL 2021 SC 332

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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