स्वीकृत लेआउट प्लान में खुली जगह/बगीचे के लिए ख़ाली छोड़े गए प्लॉट पर निर्माण कार्य की इजाज़त नहीं : सुप्रीम कोर्ट
LiveLaw News Network
20 April 2020 1:52 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भवनों के स्वीकृत लेआउट में जो प्लॉट खुली जगह या बगीचों के लिए ख़ाली रखे गए हैं उन पर निर्माण कार्य की अनुमति नहीं हो सकती।
न्यायमूर्ति एमएम शांतनगौदर और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा,
"दो प्लॉट जो खुली जगह/बगीचे के लिए ख़ाली रखे गए हैं उन पर निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह पूरी तरह तय किया जा चुका है कि स्वीकृत लेआउट में जो जगह ख़ाली छोड़े गए हैं वे वैसे ही रहेंगे ऐसी खुली जगहों पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती।"
मुंबई में डेवलपमेंट प्लान के तहत ख़ाली छोड़े गए दो प्लॉट्स पर निर्माण कार्य की अनुमति दिए जानेवाले बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फ़ैसले की पुष्टि करते हुए पीठ ने कहा,
"जैसा कि हाईकोर्ट ने (इस मामले में) ठीक ही कहा है और हमरा भी यह विचार है कि जिन दो प्लॉट्स को ख़ाली जगह/बगीचा के रूप में स्वीकृत लेआउट में दिखाया गया है उसका प्रयोग निर्माण कार्य के लिए नहीं हो सकता।"
यह मामला है जुहू में दो ख़ाली प्लॉट्स का जिन्हें स्वीकृत लेआउट में ख़ाली जगह/बगीचा बताया गया है। हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर इन प्लॉट्स पर निर्माण कार्य रोकने की माँग की गई थी।
हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने डेवलपमेंट कंट्रोल रूल्ज़ के संगत प्रावधानों और नगर निगम अधिनियम के कुछ प्रावधानों का ज़िक्र करते हुए कहा था कि स्वीकृत लेआउट में इन प्लॉट्स को बगीचे के लिए सुरक्षित रखने की बात कही गई है इसलिए इस पर निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएचएडीए) के 1999 के डेवलपमेंट प्लान को इस संदर्भ में लागू नहीं किया जा सकता।
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