निर्भया केस : दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फांसी टालने के खिलाफ केंद्र की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा
LiveLaw News Network
2 Feb 2020 6:37 PM IST

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने रविवार को हुई विशेष सुनवाई के बाद केंद्र सरकार की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें पटियाला हाउस कोर्ट के दोषियों की फांसी टालने के आदेश जारी किए थे।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, दोषी मुकेश की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन और तीन दोषियों अक्षय, विनय और पवन की ओर ये वकील एपी सिंह की दलीलें सुनने के बाद ये फैसला सुरक्षित रखा।
इस दौरान SG तुषार मेहता ने प्रस्तुत किया कि दोषियों को अलग- अलग फांसी दी जा सकती है और ये दोषी पूरी न्यायिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
वहीं रेबेका जॉन और एपी सिंह ने विभिन्न मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह एक अपराध और एक फैसले के तहत अलग- अलग फांसी नहीं जा सकती।
दरअसल शनिवार की शाम विशेष सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की याचिका पर चारों दोषियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
शनिवार शाम 5.30 बजे मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस सुरेश कुमार कैत के समक्ष दलील दी कि दोषी लगातार कानून से खेल रहे हैं और सारे सिस्टम के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। दोषी विनय की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है जबकि तीसरे दोषी अक्षय की दया याचिका लंबित है।
तुषार ने कहा कि अगर इसी तरह ये प्रक्रिया चलती रही तो ये केस कभी खत्म नहीं होगा। इसलिए दोषियों को अलग- अलग फांसी दी जानी चाहिए। दोषी अदालत में मानव जीवन की बात करते हैं तो उस लड़की का क्या जिसकी जान ली गई है। पूरे देश को इंसाफ का इंतजार है। इन दलीलों के बाद पीठ ने नोटिस जारी किए और केस की सुनवाई रविवार तीन बजे निर्धारित की।
दरअसल न्यायिक विभाग ने शुक्रवार के पटियाला हाउस कोर्ट के दोषियों की फांसी टालने के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
इस याचिका में कहा गया है कि शुक्रवार को निचली अदालत ने ये मानते हुए सभी चार दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी कि इन्हें अलग- अलग फांसी नहीं दी जा सकती।
याचिका में कहा गया है कि ऐसा कोई नियम या कानून नहीं है कि सभी दोषियों को एक साथ ही फांसी दी जा सकती है। ऐसे में अदालत का दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के चलते सभी दोषियों की फांसी टालने का फैसला सही नहीं है। याचिका में इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
शुक्रवार को सभी दोषियों द्वारा सभी उपचार पूरे ना करने के चलते फांसी को अगले आदेश तक टाल दिया था। अदालत ने अभियोजन की उस दलील को ठुकरा दिया जिसमें विनय को छोड़कर बाकी तीन दोषियों को फांसी देने की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि पटियाला हाउस अदालत ने 17 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा मुकेश की दया याचिका खारिज करने के बाद 22 जनवरी के लिए डेथ वारंट को रद्द कर 1 फरवरी की सुबह 6 बजे चारों दोषियों को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी किया था।
वहीं तिहाड़ जेल की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर बताया गया है कि राष्ट्रपति ने विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी है जबकि तीसरे दोषी अक्षय कुमार सिंह ने अब दया याचिका लगाई है जो फिलहाल लंबित है। जेल की ओर से नया डेथ वारंट जारी करने का आग्रह किया गया है जिस पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है।