NEET PG 2021- खाली सीटों को भरने के लिए विशेष काउंसलिंग नहीं कर सकते, इससे मौजूदा शैक्षणिक वर्ष बाधित होगा : एमसीसी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

Sharafat

8 Jun 2022 8:27 PM IST

  • NEET PG 2021- खाली सीटों को भरने के लिए विशेष काउंसलिंग नहीं कर सकते, इससे मौजूदा शैक्षणिक वर्ष बाधित होगा : एमसीसी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

    मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नीट-पीजी 2021 ऑनलाइन काउंसलिंग आयोजित करने के लिए किया जा रहा था, वह अब बंद हो गया है और इसलिए, यह संभवत: स्पेशल स्ट्रे राउंड काउंसलिंग आयोजित करके 1,456 खाली सीटों को नहीं भर सकता। इससे मौजूदा शैक्षणिक वर्ष बाधित होगा।

    एमसीसी ने आगे कहा कि दो शैक्षणिक सत्र, यानी 2021 और 2022 के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया एक साथ नहीं चल सकती।

    हलफनामे में कहा गया कि

    "वर्तमान में ऑनलाइन काउंसलिंग 2021 आयोजित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा सॉफ्टवेयर बंद है और पीजी काउंसलिंग 2021 में भाग लेने के लिए सिक्योरिटी डिपॉज़िट की वापसी भी शुरू की गई है। यह उल्लेख करना उचित है कि NEET-PG 2022 परीक्षा 21.05.2022 को आयोजित की गई थी और परिणाम 01.06.2022 को परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था (यानी राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड) द्वारा घोषित किए गए हैं।"

    AlQ के स्पेशल स्ट्रे राउंड काउंसलिंग के आयोजन करके उपलब्ध रिक्त सीटों के लिए उम्मीदवारों को भाग लेने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका पर हलफनामा दायर किया है।

    हलफनामे में एमसीसी ने आगे कहा है कि एमसीसी और भारत संघ ने एनईईटी पीजी 2022 काउंसलिंग की तैयारी शुरू कर दी है और यह जुलाई के महीने में आयोजित होने की संभावना है।

    हलफनामे में कहा गया,

    "याचिकाकर्ता की प्रार्थना बहुत देरी से,आई क्योंकि यह आगामी काउंसलिंग सेशन (यानी NEET-PG 2022) के लिए पूरी प्रक्रिया को बाधित करेगा। यह प्रस्तुत किया गया कि दो एकेडमिक सेशन के लिए काउंसलिंग एक साथ नहीं चल सकती।"

    हलफनामे में एमसीसी ने आगे कहा है कि पीजी 2021 काउंसलिंग के AlQ स्ट्रे वेकेंसी राउंड में कुल 2,025 सीटों की पेशकश की गई थी, जिसके लिए AlQ स्ट्रे वेकैंसी राउंड में कुल 1,17,945 उम्मीदवारों ने भाग लिया। स्ट्रे वेकैंसी आयोजित करने के बाद भी 1,456 सीटें खाली रह गई हैं, जिनमें से लगभग 1,117 सीटें (यानी कुल शेष सीटों का 76.7%) प्री-पैरामेडिकल सीटों से संबंधित हैं, जिनका चयन विभिन्न दौर की काउंसलिंग में भाग लेने वाले उम्मीदवारों द्वारा नहीं किया गया था।

    यह भी कहा गया है कि पिछले वर्षों की तुलना में रिक्त सीटों की संख्या में वृद्धि का कारण है:

    अलापति ज्योत्सना एंड अदर्स वर्सेस डब्ल्यू/एस यूओएल एंड अदर्स के मामले में दिनांक 26 मई, 2020 के निर्णय के अनुपालन में डीएनबी पाठ्यक्रमों के लिए काउंसलिंग में नीट पीजी भी शामिल थी।

    एआईक्यू के दूसरे दौर के पूरा होने के बाद कोई भी सीट संबंधित प्रतिभागी राज्यों को वापस नहीं लौटाई गई। एआईओ की संशोधित योजना को स्वीकार करने के बाद 2021-22 में तीसरा राउंड यानी मॉप-अप राउंड और चौथा राउंड यानी ऑनलाइन स्ट्रे वेकेंसी राउंड आयोजित किया गया।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि शीर्ष अदालत ने बुधवार को मेडिकल काउंसलिंग कमेटी से कहा था कि एनईईटी-पीजी में सीटें खाली छोड़ने से न केवल उम्मीदवारों को मुश्किल होती है, बल्कि योग्य डॉक्टरों की कमी भी होती है।

    जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने गुरुवार के लिए मामले को स्थगित करते हुए प्राधिकरण को दिन के दौरान अपना हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी थी जिसमें रिक्त सीटों की स्थिति और उन्हें क्यों नहीं भरा गया, इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था।

    केस टाइटल : आस्था गोयल बनाम एमसीसी


    Next Story