SCBA में तनातनी : कार्यकारी समिति ने बहुमत से अशोक अरोड़ा को सचिव पद से निलंबित किया
LiveLaw News Network
8 May 2020 6:09 PM IST
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने कार्यकारी समिति (ईसी) द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई बैठक में निर्णय लेने के बाद एससीबीए ने अपने सचिव अशोक अरोड़ा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह भी तय किया गया है कि सहायक सचिव रोहित पांडे, सचिव की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को संभालेंगे।
अशोक अरोड़ा ने सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे को SCBA अध्यक्ष से हटाने और उनकी एसोसिएशन की प्राथमिक सदस्यता समाप्त करने के लिए एक एक 'असाधारण बैठक' बुलाई।
25 फरवरी 2020 को SCBA की कार्यकारी समिति द्वारा पारित किए गए संकल्प में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा में जस्टिस अरुण मिश्रा द्वारा की गई सार्वजनिक टिप्पणी की निंदा की गई थी।
जस्टिस मिश्रा ने 22 फरवरी को इंटरनेशनल जजेज कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह में दिए अपने वोट ऑफ थैंक्स में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की थी और उन्हें "बहुमुखी प्रतिभा वाला व्यक्ति बताया था, वैश्विक स्तर पर सोचते हैं और स्थानीय स्तर पर कार्य करते हैं।"
अरोड़ा ने आरोप लगाया था कि दवे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए एससीबीए के कार्यालय का उपयोग कर रहे हैं और बार एसोसिएशन की प्राथमिक सदस्यता से भी उन्हें हटाने का आह्वान कर रहे हैं। हालांकि यह ईजीएम भी रद्द हो गया। कार्यकारी समिति ने बहुमत से निर्णय पारित किया था, जहां प्रेसिडेंट को मतदान करने से रोक दिया था।
इसके अतिरिक्त, अरोड़ा के खिलाफ आरोपों को देखने के लिए SCBA द्वारा 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
निलंबित किए जाने के तुरंत बाद, अरोड़ा ने बार के सदस्यों को एक संदेश भेजा, जिसमें कार्यकारी समिति पर विभिन्न अवसरों पर उन्हें डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया और कहा कि दवे के आचरण से बार को दरार हुई।
अरोड़ा ने अपने संदेश में कहा,
"यह दिखाने के लिए दस्तावेजी सबूत हैं कि कार्यकारी समिति में प्रेसिडेंट और उनके साथियों ने मुझे समय-समय पर धमकाया, जिसके लिए मैंने कानूनी कार्रवाई शुरू करने का अपना अधिकार सुरक्षित रखा। उन्होंने मुझे अस्पष्ट और आधारहीन आरोप में निलंबित कर दिया। वास्तव में उनकी अलोकतांत्रिक कार्रवाई से इस प्रतिष्ठित बार की प्रतिष्ठ क्षतिग्रस्त हो गई।"