सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के दौरान स्मार्ट वॉच पहनने पर एमबीबीएस की मार्कशीट रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी किया
LiveLaw News Network
9 July 2021 7:59 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक डॉक्टर द्वारा एमबीबीएस परीक्षा के दौरान स्मार्ट वॉच पहनने पर मार्कशीट रद्द करने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की खंडपीठ ने मामले में नोटिस जारी किया। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. राजीव धवन को संबंधित मार्कशीट दाखिल करने की स्वतंत्रता दी।
शुक्रवार की सुनवाई में धवन ने अदालत में कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जहां राज्य कह रहा है कि नैसर्गिक न्याय का पालन बिल्कुल भी नहीं किया जाना चाहिए।
धवन ने कहा,
"यह किसी का मामला नहीं है कि उसने घड़ी का इस्तेमाल किया या घड़ी के साथ खिलवाड़ किया। यह केवल एक घड़ी ले जाने का मामला है। वहीं अन्य बातों के अलावा नियम कहते हैं कि आप डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स नहीं ले जा सकते।"
उन्होंने आगे तर्क दिया कि मद्रास हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा की गई गलती को स्वीकार कर लिया था। इसके साथ ही विश्वविद्यालय से याचिकाकर्ता को माफ करने का भी आग्रह किया था। कठिनाई यह थी कि जारी की गई मार्कशीट "रद्द" कर दी गई। इसके साथ ही याचिकाकर्ता के भविष्य को खतरे में डाल दिया, क्योंकि वह उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाना चाहता है।
इसी के तहत कोर्ट ने मामले में नोटिस जारी किया है।
मद्रास हाईकोर्ट की खंडपीठ के न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दूज के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई है। इसमें अदालत ने याचिकाकर्ता की रिट अपील को खारिज कर दिया था और कहा था कि उसने अपनी परीक्षा के दौरान स्मार्ट वॉच पहनकर एक गंभीर गलती की है।
विश्वविद्यालय द्वारा हाईकोर्ट को प्रस्तुत किया गया था कि उम्मीदवारों को जो निर्देश दिए गए थे, उनमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि उन्हें किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने पर प्रतिबंध था। निर्देशों से भली-भांति परिचित होने के बावजूद, याचिकाकर्ता ने एक स्मार्ट वॉच लेकर जानबूझकर कदाचार किया था, जिसमें परीक्षा से संबंधित जानकारी संग्रहीत की जा सकती है।
यह नोट करते हुए कि निधि कैम बनाम मध्य प्रदेश राज्य के साथ-साथ निदेशक, डॉ अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, न्यूट्रीशन एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़ और अन्य बनाम वैभव सिंह चौहान मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के प्रकाश में हाईकोर्ट ने कहा कि यह दिखाना आवश्यक नहीं था कि याचिकाकर्ता ने परीक्षा में उठाए गए प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने के उद्देश्य से स्मार्ट वॉच का दुरुपयोग किया था।
हालांकि, यह मानते हुए कि परीक्षा रद्द करने का आदेश एक सही आदेश था, हाईकोर्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय याचिकाकर्ता के कृत्य को माफ कर सकता है। यह कोई कलंक नहीं होगा, क्योंकि वह पहले से ही एक डॉक्टर है।