मणिपुर हाईकोर्ट ने COVID के इलाज के लिए गोबर इस्तेमाल करने पर फेसबुक पोस्ट करने वाले NSA के तहत हिरासत में लिए गए पत्रकार की रिहाई का आदेश दिया

LiveLaw News Network

23 July 2021 8:10 AM GMT

  • मणिपुर हाईकोर्ट ने COVID के इलाज के लिए गोबर इस्तेमाल करने पर फेसबुक पोस्ट करने वाले NSA के तहत हिरासत में लिए गए पत्रकार की रिहाई का आदेश दिया

    मणिपुर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेमचा को अंतरिम रिहाई का निर्देश दिया। पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेमचा ने COVID​​​​-19 के कारण भाजपा नेता की मौत पर अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था। अपनी इस फेसबुक पोस्ट में उन्होंने COVID-19 के इलाज को लेकर लिखा था- 'गोबर, गोमूत्र ने काम नहीं किया।'

    किशोरचंद्र की पत्नी द्वारा दायर एक पत्र-याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश पी वी संजय कुमार और न्यायमूर्ति ख. नोबिन सिंह ने आज (शुक्रवार) शाम पाँच बजे तक एक्टिविस्ट -पत्रकार किशोरचंद्र को रिहा करने का आदेश दिया है।

    किशोरचंद्र के वकील एडवोकेट चोंगथम विक्टर ने कहा कि रिहाई का आदेश पारित कर दिया गया है। इसके साथ ही मुआवजे के मामले में 24 अगस्त को हाईकोर्ट द्वारा फैसला सुनाया जाएगा।

    मुख्य न्यायाधीश और मणिपुर हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीशों को संबोधित रंजीता द्वारा दायर पत्र-याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत एरेंड्रो लीचोम्बाम और किशोरचंद्र वांगखेम दोनों को एक ही आधार पर गिरफ्तार किया गया था; सुप्रीम कोर्ट ने एरेंड्रो को रिहा करने का आदेश दे दिया है, लेकिन किशोर जेल में बंद हैं।

    जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और एमआर शाह की एक बेंच ने सोमवार को शाम पाँच बजे तक एरेंड्रो की रिहाई का आदेश देते हुए कहा था,

    "याचिकाकर्ता की निरंतर हिरासत संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होगा।"

    पत्र-याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि 'न्याय के हित में' किशोर के खिलाफ एनएसए को रद्द करने के लिए गृह विभाग (मुख्य सचिव) और जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं, जिसे एरेन्ड्रो खिलाफ रद्द कर दिया गया है।

    मणिपुर हाईकोर्ट का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा एरेंड्रो के मामले में दिए गए उनकी रिहाई के आदेश के संदर्भ में आया है,

    "राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 की धारा 14(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मणिपुर के राज्यपाल एरेंड्रो लीचोम्बाम के खिलाफ पारित निरोध आदेश को रद्द कर रहे हैं।"

    भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत किशोरचंद्र की प्रारंभिक गिरफ्तारी के लिए उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, इम्फाल द्वारा निम्नलिखित टिप्पणियों के साथ जमानत दी गई थी,

    "जांच अधिकारी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में धारा 41 (1) (बी) (ii) के तहत निर्दिष्ट उप-खंडों वाली एक चेकलिस्ट प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं। इसके साथ ही विभागीय कार्रवाई के लिए जो भी जिम्मेदार हो सकते हैं, उन्हें भी प्रादेशिक क्षेत्राधिकार वाले हाईकोर्ट के समक्ष अदालत की अवमानना ​​के लिए दंडित किया जाए। तदनुसार, आरोपी की रिमांड प्रार्थना खारिज की जाती है और आरोपी व्यक्ति को जमानत पर रिहा किया जाता है।"

    हालाँकि, जमानत के आदेश के तुरंत बाद उन्हें एरेन्ड्रो लीचोम्बाम के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।

    किशोरचंद्र की रिहाई का आदेश अभी अपलोड नहीं किया गया है।

    शीर्षक: एलंगबाम रंजीता बनाम मणिपुर राज्य और अन्य

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