मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश ताहिलरमानी दे सकती हैं इस्तीफा

LiveLaw News Network

7 Sept 2019 10:16 AM IST

  • मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश ताहिलरमानी दे सकती हैं इस्तीफा

    NDTV की रिपोर्ट के अनुसार मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश वी के ताहिलरमानी द्वारा इस्तीफा दिए जाने की संभावना है। उनका यह कदम सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा मेघालय उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव के विरोध में माना जा रहा है।

    CJI रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन के कॉलेजियम ने तीन सितंबर को हुई बैठक में शामिल ट्रांसफर प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने के जस्टिस ताहिलरमानी के अनुरोध को खारिज कर दिया था। ये आग्रह उन्होंने मूल रूप से 28 अगस्त को किया गया था। कॉलेजियम ने प्रस्ताव को दोहराते हुए कहा कि उनके अनुरोध को स्वीकार करना संभव नहीं है।

    बॉम्बे उच्च न्यायालय में सरकारी वकील रहीं

    जून 2001 में बॉम्बे उच्च न्यायालय की जज बनीं जस्टिस ताहिलरमानी को अगस्त 2018 में मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

    न्यायपालिका से पहले उन्होंने 1990 के बाद से बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक सरकारी वकील के रूप में काम किया था और भरत शाह जैसे कई ऐतिहासिक मामलों के मुकदमे की उन्होंने पैरवी की थी।

    एक जज के रूप में उन्होंने उस पीठ की अध्यक्षता की थी जिसने गुजरात दंगों से संबंधित बिलकिस बानो मामले में सजा सुनाई थी। उस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात से महाराष्ट्र में स्थानांतरित कर दी थी। उन्होंने कुछ समय के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया।

    बड़े उच्च न्यायालय से छोटे उच्च न्यायालाय ट्रांसफर

    दरअसल किसी जज के लिए बड़े उच्च न्यायालय से छोटे उच्च न्यायालय में ट्रांसफर होना सामान्य बात नहीं है। ब्रिटिश काल के दौरान स्थापित मद्रास उच्च न्यायालय भारत के प्रमुख उच्च न्यायालय में से एक है जिसमें 75 न्यायाधीशों की अनुमोदित शक्ति है जबकि मेघालय उच्च न्यायालय में तीन न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति है और इसमें फिलहाल मुख्य न्यायाधीश सहित दो न्यायाधीश हैं।

    मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए के मित्तल को मद्रास उच्च न्यायालय में ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई है। जस्टिस मित्तल, जो जस्टिस ताहिलरमानी से लगभग तीन साल जूनियर हैं, उन्होंने तीन महीने पहले 29 मई को मेघालय उच्च न्यायालय में पदभार संभाला था। जस्टिस ताहिलरमानी का कार्यकाल 3 अक्टूबर, 2020 तक है।

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