सुप्रीम कोर्ट ने LLM छात्रा को बरेली में दाखिला देने के आदेश जारी किए, केस की सुनवाई बंद

LiveLaw News Network

4 Sep 2019 11:38 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने LLM छात्रा को बरेली में दाखिला देने के आदेश जारी किए, केस की सुनवाई बंद

    भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद लापता हुई LLM की छात्रा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि छात्रा, बरेली के MJBP विश्वविद्यालय में पढे़गी और हॉस्टल में रहेगी।

    अदालत ने क्या दिए हैं आदेश

    उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए जस्टिस आर. बानुमति और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने बुधवार को आदेश में कहा है कि उसके भाई को बरेली के ही एक निजी कॉलेज में दाखिला मिलेगा और वो भी हॉस्टल में रहेगा। पीठ ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को कहा है कि वो इस आसाधारण केस में तथ्यों को देखते हुए दोनों के दाखिले के लिए अनुमति दे।

    मामले की सुनवाई बंद किये जाने का किया गया निर्णय

    पीठ ने यह साफ कर दिया कि अब छात्रा और उसके मां-पिता कभी भी अपने घर जाने को स्वतंत्र हैं और दिल्ली पुलिस उन्हें घर तक सुरक्षा देगी। पीठ ने कहा कि जब लड़की लापता थी तो मामले का संज्ञान लिया गया था और अब इस मामले की सुनवाई बंद की जा रही है। आगे किसी आदेश के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से गुहार लगाई जा सकती है।

    इस बीच महिला वकीलों ने कहा कि छात्रा एक बार जजों से मिलना चाहती है तो पीठ ने यह कहा कि वो अब उससे नहीं मिलेंगे।

    उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत को उठाए गए कदम से कराया अवगत

    वहीं सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पीठ को यह बताया गया कि गुरुवार को हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है। दोनों के दाखिलें का इंतजाम हो गया है। उनके द्वारा जमा की गई फीस भी नए दाखिलों में समायोजित कर ली जाएगी। चूंकि दाखिलों का समय अब खत्म हो गया है इसलिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया से इसके लिए अनुमति लेना जरूरी है।

    सरकार ने SIT के गठन के दिए हैं निर्देश

    इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने यूपी सरकार को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के गठन के निर्देश दिए थे। पीठ ने दिशा- निर्देश जारी करते हुए यह कहा था कि SIT की अगुवाई IGP स्तर के पुलिस अफसर करेंगे और टीम दोनों FIR की जांच करेगी।

    केस की निगरानी के लिए HC में अलग बेंच का होगा गठन

    पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि वो इस केस की निगरानी के लिए HC की एक बेंच का गठन करें। पीठ ने कहा कि उसने छात्रा से बात की है और वो उसी कॉलेज में पढ़ाई जारी रखना नहीं चाहती। उसने संस्थान के खिलाफ कुछ शिकायत भी की है।

    पीठ ने यूपी सरकार को यह कहा था कि वो छात्रा और उसके भाई के लिए बरेली विश्वविद्यालय से संबंधित किसी संस्थान में पढ़ाई करने का इंतज़ाम करे। पीठ ने बुधवार को पीठ को इसकी सूचना देने को कहा है।

    मामले की देर रात हुई थी सुनवाई

    दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की पिछले शुक्रवार को देर रात तक सुनवाई की थी। दोनों जजों ने अलग से अकेले में उससे बात की थी। उसे यूपी पुलिस ने दोस्तों के साथ राजस्थान में तलाश लिया था। इस मामले को वकील शोभा गुप्ता, सुमिता हजारिका, मोनिका गोसाईं और शोमोना खन्ना की टीम द्वारा अदालत के समक्ष लाया गया था। उन्होंने CJI को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया था और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया था।

    भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप

    यह मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की LLM की छात्रा से जुड़ा है जिसने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उसका और कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। फेसबुक लाइव वीडियो में आरोप लगाने के बाद छात्रा लापता हो गई थी।

    आरोपी भाजपा नेता उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद लॉ कॉलेज का निदेशक है, जहां लापता शिकायतकर्ता युवती LLM की छात्रा है। नेता से उसके और उसके परिवार के जीवन के लिए खतरा बताते हुए शिकायतकर्ता ने फेसबुक पर एक लाइव वीडियो पोस्ट किया था जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि चिन्मयानंद ने "कई लड़कियों के जीवन को नष्ट कर दिया है।"

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