लॉ फर्म ने इंडियाबुल्स के खिलाफ धोखाधड़ी का झूठा मुकदमा दायर करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी

LiveLaw News Network

14 Aug 2019 12:14 PM GMT

  • लॉ फर्म ने इंडियाबुल्स के खिलाफ धोखाधड़ी का झूठा मुकदमा दायर करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी

    लॉ कानूनी फर्म मानाजियम जुरिस LLP ने इंडियाबुल्स के खिलाफ धोखाधड़ी का झूठा मुकदमा दायर करने को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। कानूनी फर्म ने इससे पहले आरोप लगाया था कि इंडियाबुल्स 98,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन की धोखाधड़ी की है।

    मानाजियम जुरिस के वकील किसलय पांडे ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और फर्म ने कहा, 'सभी झूठी और तथ्यात्मक रूप से गलत शिकायतों को वापस ले लिया गया है, जो मेरे दफ्तर की ओर से तैयार की गई थी और दाखिल की गई थी।

    लॉ फर्म मानाजियम जुरिस ने एक बयान जारी करके कहा, 'हमें इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के लक्ष्मी विलास बैंक में विलय की योजनाओं का पता चला था। इसके संवेदनशील मसला होने के कारण कई क्लाइंट्स ने कंपनी पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे।'

    बयान में कहा गया, 'हम भविष्य में कभी भी इस तरह की गतिविधियों में लिप्त नहीं होने का आश्वासन देते हैं कि ना तो मैं और ना ही मेरी फर्म इंडियाबुल्स समूह या उसकी कंपनियों के खिलाफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भविष्य में कोई मुकदमा दाखिल करेंगे।' लॉ फर्म ने माना कि लक्ष्मी विलास बैंक के साथ विलय को देखते हुए कंपनी के खिलाफ गलत याचिका दायर की गई थी।

    इससे पहले वैकेशन बेंच के समक्ष गबन मामले की सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि झूठी शिकायतों के कारण इंडियाबुल्स को बाज़ार में लगभग 7,000 करोड़ रु का नुकसान हुआ था। बाद में एक प्रेस बयान में कंपनी ने कहा था कि ब्लैकमेलर्स का एक रैकेट रुपये वसूल करने की कोशिश कर रहा था और झूठी शिकायत वापस लेने के एवज में 10 करोड़ रुपए की मांग कर रहा था।

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