लखीमपुर खीरी मामला : सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी, प्रत्येक पीड़ित/शिकायतकर्ता के परिवार के एक सदस्य को मुकदमे की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी

Sharafat

16 Feb 2023 1:23 PM GMT

  • लखीमपुर खीरी मामला : सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी, प्रत्येक पीड़ित/शिकायतकर्ता के परिवार के एक सदस्य को मुकदमे की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी

    सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि लखीमपुर खीरी मामले में सुनवाई सुचारू रूप से चलती रहे, अभियुक्तों और प्रत्येक पीड़ित के परिवार के एक सदस्य को उनके वकीलों के साथ अदालती कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी है।

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की खंडपीठ ने अपने 13 फरवरी के आदेश में कहा,

    "यह सुनिश्चित करने के लिए कि मुकदमे की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकती है और किसी के द्वारा कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है, यह निर्देश दिया जाता है कि आरोपी व्यक्तियों और प्रत्येक पीड़ित/शिकायतकर्ता के परिवार के एक सदस्य को दोनों पहले मामलों में अपने संबंधित वकीलों के साथ अदालती कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी जाए। "

    अदालत ने 25 जनवरी को आरोपी आशीष मिश्रा को आठ सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम जमानत देने के बाद मामले की प्रगति के संबंध में निचली अदालत से रिपोर्ट मांगी थी।

    प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश द्वारा 13 फरवरी को भेजे गए दो पत्रों पर गौर करने के बाद बेंच ने यह सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए पीठासीन अधिकारी की सराहना की कि गवाह अदालत में मौजूद रहें।

    "प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, लखीमपुर खीरी, उ.प्र. द्वारा भेजे गए पत्रों दिनांक 01-02-2023 एवं 07-02-2023 का अवलोकन किया गया है।

    हम सराहना करते हैं कि विद्वान पीठासीन अधिकारी ने यह सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और आवश्यक कार्रवाई की है कि गवाह अदालत में उपस्थित रहें।" "

    यह अपराध 3 अक्टूबर को हुआ था, जब कई किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान चार प्रदर्शनकारी किसान कथित रूप से एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद मारे गए थे। इस वाहन को एआशीष मिश्रा के काफिला का हिस्सा बताया गया।

    सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2021 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस राकेश कुमार जैन को मामले की जांच की निगरानी के लिए नियुक्त करते हुए एक एसआईटी का गठन किया।

    यह आदेश भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ से आया, जो निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले दो वकीलों द्वारा भेजी गई एक पत्र याचिका के आधार पर दर्ज एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

    सुप्रीम कोर्ट की आलोचनात्मक टिप्पणी के बाद यूपी पुलिस ने मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था।

    केस टाइटल : आशीष मिश्रा बनाम यूपी राज्य | 7857/2022

    Next Story