लखीमपुर खीरी केस: सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए क्रॉस एफआईआर में चार आरोपियों को अंतरिम जमानत दी
Brij Nandan
25 Jan 2023 12:31 PM IST
लखीमपुर खीरी मामले (Lakhimour Kheri Case) में आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उन चार लोगों को अंतरिम जमानत दे दी, जो तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में आरोपी हैं।
हालांकि कोर्ट के समक्ष केवल मिश्रा की ज़मानत अर्जी थी, लेकिलन कोर्ट ने क्रॉस-केस में अभियुक्तों को अंतरिम ज़मानत देने के लिए अपनी स्वत: संज्ञान लेने की शक्तियों का उपयोग करने का निर्णय लिया।
मिश्रा पांच लोगों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी हैं, जिन्हें कथित तौर पर गाड़ी से कुचल दिया गया था। क्रॉस-केस दो बीजेपी कार्यकर्ताओं और ड्राइवर की कथित तौर पर लिंचिंग से संबंधित है, जब कार ने प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया था।
क्रॉस केस में चार किसान अंडरट्रायल कैदी के रूप में हिरासत में हैं और उनकी जमानत अर्जी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित है। ये गुरविंदर सिंह, कवलजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह और विचित्रा सिंह हैं।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने आशीष मिश्रा को अंतरिम राहत देते हुए इन चारों व्यक्तियों को भी अंतरिम जमानत देने का फैसला किया।
बेंच ने कहा,
"अलग-अलग कथनों के साथ दो अलग-अलग प्राथमिकी हैं। लेकिन घटना का स्थान और घटना का आधार एक ही है। दुर्भाग्यपूर्ण जघन्य घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति कौन हैं, इसका जवाब ट्रायल के बाद ही पता लगाया जा सकता है। हम स्वत:संज्ञान लेकर संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए, अन्य संस्करण में शामिल विचाराधीन अभियुक्तों को भी अंतरिम जमानत का लाभ देते हैं। चार अभियुक्त, जो गिरफ्तार किए गए हैं और जिनकी ज़मानत अर्जी इलाहाबाद में उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित बताई जाती है, उन्हें ट्रायल कोर्ट में उनके ज़मानत बांड पेश करने के अधीन अगले आदेशों तक अंतरिम ज़मानत पर रिहा किया जाए।"
मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने चिंता जताई थी कि अगर आशीष मिश्रा को इस मामले में जमानत नहीं दी गई तो दूसरे मामले में विचाराधीन किसान भी जमानत से वंचित हो जाएंगे।
मिश्रा को शर्तों के साथ आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई है। उन्हें इस दौरान यूपी और दिल्ली छोड़ने को कहा गया है।
मुकदमे की प्रगति के संबंध में निचली अदालत द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर अदालत 14 मार्च को इस मामले पर आगे विचार करेगी।