अपहृत नाबालिग लड़की का दो महीने से पता नहीं चला: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को जांच रिकॉर्ड दिल्ली पुलिस को सौंपने को कहा

LiveLaw News Network

1 Sep 2021 9:10 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गोरखपुर की 13 साल की बच्ची के अपहरण से जुड़े एक मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को जांच रिकॉर्ड दिल्ली पुलिस को कल तक सौंपने को कहा।

    अदालत ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को जांच की निगरानी करने का भी निर्देश दिया।

    जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ लापता लड़की की मां द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर विचार कर रही थी, जिसे दिल्ली के एक निवासी पर अपहरणकर्ता होने का संदेह है।

    याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट अमित पई ने पीठ के समक्ष कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक लड़की का पता नहीं चला है। याचिकाकर्ता दिल्ली में एक घरेलू नौकरानी के रूप में काम करती है और संदिग्ध लंबे समय से उसकी नाबालिग बेटी को बहकाने की कोशिश कर रहा था। इस संबंध में उसने दिल्ली के मालवीय नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।

    वकील ने आगे कहा कि जुलाई में जब याचिकाकर्ता अपनी बेटियों के साथ गोरखपुर में अपने पति के परिवार के साथ थी, तभी सबसे बड़ी बेटी लापता हो गई। याचिका के अनुसार, छोटी बेटी ने संदिग्ध और उसकी बहन के बीच कुछ फोन पर बातचीत सुनी, जहां संदिग्ध उसे धमकी दे रहा था कि अगर वह दिल्ली में अपने फ्लैट में नहीं आई तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस बातचीत के तुरंत बाद लड़की लापता हो गई।

    याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हालांकि जल्द ही गोरखपुर पुलिस के समक्ष शिकायत की गई, लेकिन उन्होंने कोई त्वरित कदम नहीं उठाया। इस पृष्ठभूमि में, सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी, जिसमें इस आशंका को व्यक्त किया गया था कि लड़की का यौन शोषण किया जा सकता है या देह व्यापार में उसकी तस्करी की जा सकती है।

    पीठ ने लड़की का पता लगाने में यूपी पुलिस की नाकामी दु:ख जाहिर की। जवाब में उत्तर प्रदेश राज्य के वकील अधिवक्ता अनुव्रत शर्मा ने पीठ को बताया कि राज्य पुलिस कठोर कदम उठा रही है और अंतर-राज्यीय प्रभाव के कारण जांच की गति प्रभावित हुई है।

    वकील ने कहा कि लड़की के अब पश्चिम बंगाल में होने का संदेह है और पुलिस ने कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) एकत्र कर लिया है।

    पीठ ने कहा कि वह जांच सीबीआई या दिल्ली पुलिस को सौंप दें। दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरएस सूरी ने कहा कि वे याचिका को प्रतिकूल नहीं मान रहे हैं।

    पीठ ने गोरखपुर पुलिस को कल (गुरूवार) तक पूरे जांच रिकॉर्ड मालवीयनगर पुलिस (दिल्ली) को सौंपने का निर्देश दिया। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को लापता लड़की का पता लगाने के लिए आगे की जांच सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।

    इस मामले पर अब कल (गुरूवार) विचार किया जाएगा।

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