कार्ति चिदंबरम को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने विदेश यात्रा के लिए रजिस्ट्री में जमा 10  करोड़ रुपये वापस लेने की अनुमति दी 

LiveLaw News Network

13 May 2020 8:31 AM GMT

  • कार्ति चिदंबरम को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने विदेश यात्रा के लिए रजिस्ट्री में जमा 10  करोड़ रुपये वापस लेने की अनुमति दी 

    पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और सासंद कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है।

    मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस ह्रषिकेश राय की पीठ ने बुधवार को कार्ति को विदेश यात्रा करने की शर्त पर रजिस्ट्री में जमा कराए गए दस करोड़ रुपये वापस लेने की अनुमति दे दी।

    इससे पहले 17 जनवरी को भी मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ ने रजिस्ट्री को दस करोड़ रुपये कार्ति को वापस लौटाने के आदेश जारी किए थे।

    पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय ( ED) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था जिसमें उन्होंने विदेश यात्रा के लिए गारंटी के लिए सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा किए गए 10 करोड़ रुपये वापस देने की गुहार लगाई गई।

    इस सुनवाई के दौरान कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील के वी विश्वनाथन ने कहा था कि कार्ति ने दो बार विदेश जाने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर 10-10 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराए हैं। लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद ये रुपये वापस नहीं दिए गए हैं जबकि कोर्ट ने कहा था कि यात्रा से लौटने के बाद रुपये वापस मिलेंगे।

    इससे पहले पिछले साल सितंबर में भी ऐसी ही याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था जिसमें विदेश यात्रा की अनुमति देने की शर्त के तौर पर रजिस्ट्री में उनके द्वारा जमा किए गए 10 करोड़ रुपये को वापस दिलाने का अनुरोध किया गया था।

    पीठ ने सुनवाई के दौरान कार्ति की ओर से पेश वकील को कहा था कि ये रकम फिलहाल तीन महीने तक रजिस्ट्री के पास रहेगी।

    इससे पहले मई 2019 में भी कार्ति की ओर से पेश हुए वकील ने कहा था कि उन्हें 10 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और अब वह ब्याज देने के लिए बाध्य हैं। ऐसी स्थिति में पहले जमा की गई राशि वापस की जानी चाहिए।

    लेकिन तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच ने भी इससे इनकार कर दिया था। पीठ कहा था कि अब उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र की ओर ध्यान देना चाहिए। पीठ ने ये भी कहा कि जनवरी में जमा दस करोड़ रुपये वो रिफंड करने के वो आदेश देंगे लेकिन फिर विदेश जाने के लिए 10 करोड़ की सिक्योरिटी की राशि को वो बढ़ाकर 20 करोड़ कर देंगे।

    दरअसल पीठ ने 7 मई 2018 को कार्ति को मई और जून में विदेश यात्रा की अनुमति दी थी लेकिन शर्त लगाई थी कि 10 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि जमा करने के बाद ही वो विदेश जा सकते हैं। जबकि जनवरी में पारित शीर्ष अदालत के आदेश में कहा गया था कि उसकी वापसी पर 10 करोड़ रुपये वापस किए जाएंगे लेकिन ये रकम वापस नहीं मिली।

    कार्ति ने दावा किया था कि वह "पूर्व खिलाड़ी, वर्तमान प्रशासक और उद्यमी" के रूप में टेनिस से जुड़े हैं। वो प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा INX मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों की जांच का सामना कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने जनवरी 2018 में भी 10 करोड़ रुपये जमा करने के बाद कार्ति को विदेश जाने की अनुमति दी थी।

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