CAA विरोध प्रदर्शन : कर्नाटक हाईकोर्ट बेंगलुरु में धारा 144 के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत

LiveLaw News Network

19 Dec 2019 8:22 AM GMT

  • CAA विरोध प्रदर्शन : कर्नाटक हाईकोर्ट बेंगलुरु में धारा 144 के आदेश  के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत

    कर्नाटक उच्च न्यायालय नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में बेंगलुरु में होने वाले प्रदर्शन से पहले शहर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत दिए गए आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए सहमत हो गया है।

    संसद राज्यसभा के सदस्य, राजीव गौड़ा और विधानसभा सदस्य, सौम्या रेड्डी ने कोर्ट में जो पुलिस आयुक्त द्वारा जारी किए गए उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पांच या अधिक लोगों के समूह में किसी भी प्रकार के एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है। गुरुवार को बेंगलुरू में होने वाले सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट ए विरोध में होने वाले प्रदर्शन को देखते हुए बुधवार रात धारा 144 लगाने के आदेश जारी किए गए थे।

    गुरुवार सुबह मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति प्रदीप सिंह युरूर की पीठ के समक्ष याचिकाओं का उल्लेख किया गया तो पीठ शुक्रवार को मामले की सुनवाई के लिए सहमत हो गई। रेड्डी ने वकील, कीस्टोन पार्टनर्स के प्रदीप नायक, के माध्यम से याचिका दायर की है।

    याचिका में कहा गया है कि बेंगलुरु के कई ग्रुप शहर में सार्वजनिक स्थानों पर शांति से इकट्ठा होने के इच्छुक थे, ताकि सीएए के खिलाफ उनके विरोध को प्रदर्शित किया जा सके।

    9 दिसंबर 2019 को लोकसभा के सामने पेश किए जाने के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 के शुरू होते ही इस तरह के विरोध प्रदर्शनों और प्रदर्शनों की योजना बनाई गई थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शनों में सीएए में निहित भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया जाता है और धर्मनिरपेक्षता की मांग उठाई जाती है।

    धारा 144 के तहत दिया गया आदेश पूरे बेंगलुरु में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पांच या अधिक लोगों की किसी भी सभा को प्रतिबंधित करता है और इस तरह अनुच्छेद 19 (1) (बी) में निहित के रूप में शांतिपूर्ण सभा के अधिकार को छीनता है, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया।


    याचिका की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहांं क्लिक करेंं




    Tags
    Next Story