कल्लाकुरिची छात्र सुसाइड केस: सुप्रीम कोर्ट ने आज होने वाले पोस्टमॉर्टम पर रोक लगाने की मांग वाली पिता की याचिका खारिज की
Brij Nandan
19 July 2022 6:11 AM GMT
![सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2021/06/25/750x450_395444--.jpg)
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में आत्महत्या (Kallakurichi Suicide Case) करने वाले छात्र के पिता की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) के निर्देश के अनुसार आज होने वाले शरीर के पुन: पोस्टमॉर्टम (Postmortem) पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
लड़की के शव के दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए हाईकोर्ट द्वारा गठित पैनल में पिता ने अपनी पसंद के डॉक्टर को शामिल करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
पिता की उक्त प्रार्थना को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
आज सुबह, वकील ने मामले को भारत के चीफ जस्टिस के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया। CJI कल मामले को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत हुए। तब वकील ने प्रस्तुत किया कि आज पुन: पोस्टमॉर्टम किया जाना है और उसी पर रोक लगाने की मांग की गई है।
CJI ने कहा,
"क्षमा करें, हाईकोर्ट पहले ही इस मामले को देख रहा है।"
तमिलनाडु राज्य की ओर से पेश वकील ने सीजेआई को बताया कि हाईकोर्ट ने दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए डॉक्टरों की टीम गठित की है।
CJI ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा,
"आपको हाईकोर्ट पर कोई भरोसा नहीं है?"
हालांकि वकील ने दोबारा पोस्टमॉर्टम रोकने के लिए राज्य को कम से कम मौखिक निर्देश देने के लिए दबाव डाला, लेकिन सीजेआई ने इनकार कर दिया।
हाईकोर्ट ने पैनल में अपनी पसंद के डॉक्टरों को शामिल करने के लिए याचिकाकर्ता की प्रार्थना को खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने कहा था,
"इस अदालत को उस छोटे बच्चे के माता-पिता के साथ सभी सहानुभूति है, जो अप्राकृतिक रूप से मर गया। समग्र स्थिति को देखते हुए जिस तरह से हिंसा भड़की और उसे अंजाम दिया गया, इस कोर्ट का विचार है कि याचिकाकर्ता की पसंद के डॉक्टर को शामिल नहीं किया जा सकता है। इस स्तर पर आवश्यक है। इस कोर्ट ने गहन सत्यापन के बाद डॉक्टरों का चयन किया है और उन्हें डॉक्टरों की टीम के रूप में शामिल किया है। प्रसिद्ध विशेषज्ञ संतकुमार भी शामिल हैं। इस मामले में शंकरसुब्बू का तर्क नहीं हो सकता है।"
हाईकोर्ट ने भी मामले की जांच सीबी-सीआईडी को ट्रांसफर कर दी है।
एक बोर्डिंग स्कूल में लड़की की आत्महत्या के बाद कल्लाकुरिची में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।