कल्लाकुरिची स्टूडेंट आत्महत्या: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की जमानत को चुनौती देने वाली मां की याचिका पर नोटिस जारी किया

Brij Nandan

15 Dec 2022 2:14 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें कल्लाकुरुची स्टूडेंट आत्महत्या मामले में 5 आरोपियों को जमानत दी गई थी।

    जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने पीड़िता की मां की याचिका पर जवाब मांगा है। एओआर राहुल श्याम भंडारी की सहायता से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा और एडवोकेट जी प्रियदर्शिनी याचिकाकर्ता के लिए पेश हुए।

    याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि हाईकोर्ट का निर्णय जमानत न्यायशास्त्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

    याचिका में यह भी कहा गया है कि हाईकोर्ट ने मामले के मैरिट पर फैसला करने में भी गलती की है जो निष्पक्ष सुनवाई और न्याय के रास्ते में आता है।

    याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि हाईकोर्ट ने इस तरह से फैसला पारित किया जैसे कि अभियुक्तों को बरी करने से संबंधित अपीलीय कार्यवाही को जब्त कर लिया गया हो।

    याचिका में कहा गया है,

    "हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि आईपीसी की धारा 305 का अपराध प्रतिवादी/आरोपी व्यक्ति के खिलाफ फैसले के पैरा 16 में स्पष्ट रूप से दोषमुक्ति की प्रकृति में निर्णय पारित करने की तुलना में आकर्षित नहीं होता है। केवल जमानत आदेश दे रहा हूं।"

    याचिका में कहा गया है कि आरोपी प्रभावशाली लोग हैं और जांच को प्रभावित कर सकते हैं और याचिकाकर्ता के परिवार के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

    याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि आरोपियों में से एक का आपराधिक इतिहास है जिस पर अदालत ने विचार नहीं किया और एक अन्य आरोपी जिसने आवेदन दायर नहीं किया था उसे मौखिक प्रार्थना पर जमानत दी गई थी जो कि अन्यायपूर्ण और शक्ति का मनमाना प्रयोग है।

    इस प्रकार याचिकाकर्ता द्वारा यह प्रार्थना की गई कि वह अपनी याचिका को अनुमति दे और मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दे।

    12 वीं कक्षा के छात्र की कथित आत्महत्या के कारण तमिलनाडु में सार्वजनिक आक्रोश और व्यापक विरोध हुआ था।

    केस टाइटल: ए. पी. सेल्वी बनाम राज्य पुलिस निरीक्षक और अन्य। डायरी नंबर 28205/2022


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