जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में ली शपथ; सुप्रीम कोर्ट में हुए 34 जज

LiveLaw News Network

9 May 2022 5:32 AM GMT

  • जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में ली शपथ; सुप्रीम कोर्ट में हुए 34 जज

    सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को हुआ।

    भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने न्यायालय के एडिशनल बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स के ऑडिटोरियम में नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई।

    दो जजों के जुड़ने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो गई।

    केंद्र ने शनिवार को गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जमशेद बुर्जोर परदीवाला को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की थी।

    भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कॉलेजियम ने ये सिफारिशें की थी।

    जस्टिस धूलिया के बारे में

    जस्टिस धूलिया का जन्म 10 अगस्त, 1960 को लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में हुआ था और उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद में हुई थी। वह सैनिक स्कूल, लखनऊ के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली है।

    जस्टिस धूलिया 1986 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में बार में शामिल हुए और 2000 में इसके गठन पर अपने गृह राज्य उत्तराखंड में स्थानांतरित हो गए।

    वह उत्तराखंड हाईकोर्ट में पहले मुख्य सरकारी वकील थे और बाद में उत्तराखंड राज्य के लिए एक अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे। उन्हें 2004 में एक सीनियर एडवोकेट के रूप में नॉमिनेट किया गया। उन्हें नवंबर 2008 में उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और बाद में 10 जनवरी 2021 को असम, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।

    जस्टिस पारदीवाला के बारे में

    12 अगस्त, 1965 को मुंबई में जन्मे जस्टिस पारदीवाला ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गृह नगर वलसाड (दक्षिण गुजरात) के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से की। उन्होंने जेपी आर्ट्स कॉलेज, वलसाड से स्नातक किया। उन्होंने 1988 में केएम मुलजी लॉ कॉलेज, वलसाड से कानून की डिग्री प्राप्त की।

    जस्टिस पारदीवाला वकीलों के परिवार में चौथी पीढ़ी के कानूनी पेशेवर हैं। उनके पिता स्वर्गीय श्री बुर्जोर कावासजी पारदीवाला ने वलसाड और नवसारी जिलों में 52 वर्षों तक वकालत की। उन्होंने कुछ समय के लिए गुजरात की 7वीं विधान सभा के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था। उनके दादा और परदादा भी वकील थे और वलसाड और नवसारी जिलों में वकालत करते थे।

    जस्टिस पारदीवाला ने वर्ष 1990 में गुजरात हाईकोर्ट में लॉ प्रैक्टिस शुरू की। उन्हें वर्ष 1994 में बार काउंसिल ऑफ गुजरात के सदस्य के रूप में चुना गया था। उन्हें वर्ष 2002 में गुजरात हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में नियुक्त किया गया और वे 17 फरवरी 2011 को बेंच में उनकी पदोन्नति की तारीख तक पद पर रहे।

    वह गुजरात हाईकोर्ट की स्थायी समिति और समन्वय समिति के सदस्यों में से एक है और खरीद समिति के अध्यक्ष भी हैं। गुजरात राज्य न्यायिक अकादमी के पदेन अध्यक्ष के रूप में उन्होंने जिला न्यायपालिका की बेहतरी के लिए कई कार्यक्रम और पहल की हैं।

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