जम्मू और कश्मीर सरकार ने पूर्व सीएम फ़ारुख अब्दुल्लाह की नज़रबंदी खत्म करने के आदेश दिए

LiveLaw News Network

13 March 2020 10:43 AM GMT

  • जम्मू और कश्मीर सरकार ने पूर्व सीएम फ़ारुख अब्दुल्लाह की नज़रबंदी खत्म करने के आदेश दिए

    जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ छह महीने के बाद प्रतिबंधात्मक रोक (नज़रबंदी) के आदेश को रद्द कर दिया।

    नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता को 15 सितंबर, 2019 को तीन महीने के लिए जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखा गया था। 13 दिसंबर को फ़ारुख अब्दुल्लाह की हिरासत को तीन महीने और बढ़ा दिया गया था।

    शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव ने आदेश पारित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम की धारा 19 (1) के तहत शक्तियों के प्रयोग में हिरासत को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।

    सितंबर में, एमडीएमके नेता वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी जिसमें अब्दुल्लाह की रिहाई की मांग की गई थी।

    वाइको ने आरोप लगाया कि जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के केंद्र सरकार के उपायों के बाद, 5 अगस्त से अब्दुल्लाह अवैध रूप से घर में नजरबंद थे।

    वाइको की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले 15 सितंबर की देर रात को निरोध आदेश जारी किया गया था। 29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, अब्दुल्लाह के खिलाफ पारित निरोध आदेश पर ध्यान दिया।

    कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता 'उचित कार्यवाही' में नजरबंदी आदेश को चुनौती देने के लिए स्वतंत्र था। पिछले महीने फारूक अब्दुल्लाह के बेटे उमर अब्दुल्ला के खिलाफ जम्मू एंड कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत नजरबंदी का आदेश गया था।

    उमर अब्दुल्लाह की बहन सारा अब्दुल्लाह पायलट ने उमर की हिरासत को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है जो सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

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