"यह मनमाना लगता है", सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान रद्द की गई फ्लाइट के टिकटों का पूरा रिफंड देने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

27 April 2020 9:21 AM GMT

  • यह मनमाना लगता है, सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान रद्द की गई फ्लाइट के टिकटों का पूरा रिफंड देने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

    It Seems Arbitrary": SC Issues Notice On Plea Seeking Full Refund For Flight Tickers Cancelled During Lockdown

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार देशभर में लॉकडाउन के कारण रद्द की गई सभी उड़ानों के संबंध में टिकट राशि की पूर्ण वापसी (रिफंड) के लिए एयरलाइनों को उचित दिशा-निर्देश देने की याचिका पर नोटिस जारी किया।

    सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें मांग की गई है कि केंद्र सरकार और डायरेक्टरट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को आदेश दिया जाए कि वे एयरलाइंस को उचित निर्देश जारी करें, ताकि लॉकडाउन के दौरान यात्रा करने के लिए बुक किए गए टिकटों का पूरा पैसा वापस (रिफंड) किया जाए क्योंकि लॉकडाउन के कारण सभी फ्लाइट रद्द हो गई हैं।

    प्रवासी लीगल सेल ने यह याचिका दायर की जिसमें बताया गया है कि उड़ान रद्द होने के कारण टिकटों के लिए एकत्र की गई पूरी धनराशि को एयरलाइंस द्वारा वापस न करना मनमानी है और डीजीसीए द्वारा जारी की गई सिविल एविएशन आवश्यकताओं का भी उल्लंघन हैं। ''

    जस्टिस एनवी रमना,जस्टिस एसके कौल और जस्टिस बीआर गवई की खंडपीठ इस तर्क से सहमत व्यक्त की और नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए से जवाब मांगा।

    न्यायमूर्ति कौल ने कहा,

    "यह मनमाना लगता है कि केवल उन लोगों को रिफंड जारी किया जा रहा है जिन्होंने लॉकडाउन लागू होने के बाद टिकट बुक किया था। बुकिंग की अवधि से अलग यह राहत उन सभी को दी जानी चाहिए, जिनकी उड़ानें लॉकडाउन की वजह से रद्द कर दी गई थीं। "

    याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि एकत्र की गई धनराशि का पूरा पैसा वापस करने के बजाय एयरलाइंस द्वारा अनिवार्य रूप से ''क्रेडिट शेल'' उपलब्ध कराना भी डीजीसीए की आवश्यकताओं का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसके अनुसार पैसा वापसी का विकल्प ''यात्री की प्राथमिकता है, एयरलाइन की डिफॉल्ट प्रैक्टिस नहीं है।

    याचिका में यह भी कहा गया कि सरकार ने निर्देश दिया है कि सिर्फ उनका पूरा पैसा वापस किया जाएगा जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान टिकट बुक किया था, परंतु उनको छोड़ दिया गया जिन्होंने लॉकडाउन से पहले टिकट बुक करा दिए थे, जबकि बुनियादी संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत जाकर उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।

    याचिकाकर्ता ने इंगित किया कि-

    ''विमानन मंत्रालय ने अपने 16 अप्रैल 2020 के कार्यालय ज्ञापन में एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि वह केवल उन लोगों को टिकट के लिए भुगतान की गई पूरी राशि वापिस कर दें जिन्होंने लॉकडाउन अवधि के दौरान टिकट बुक किए थे। लॉकडाउन से पहले टिकट बुक करवाने वाले लोगों को छोड़ दिया गया है। लेकिन लॉकडाउन के कारण रद्द की गई सभी उड़ानें एकसमान ही होती हैं और इस प्रकार यह संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।''

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