इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर की राहत बरकरार रहेगी, सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को करेगा CBI की अर्जी पर सुनवाई

LiveLaw News Network

8 Nov 2019 11:25 AM GMT

  • इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर की राहत बरकरार रहेगी, सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को करेगा CBI की अर्जी पर सुनवाई

    विदेशों से मिले चंदे के दुरुपयोग के मामले में वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर को मिली राहत के खिलाफ सीबीआई की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को सुनवाई करेगा।

    शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि एक ऐसा ही मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले से लंबित है। इसी पर पीठ ने कहा कि दोनों को साथ ही 14 नवंबर को सुना जाएगा। फिलहाल दोनो को मिली राहत बरकरार रहेगी।

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी है अंतरिम राहत

    दरअसल सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत दी है। 25 जुलाई को विदेशी फंडिंग के नियमों के उल्लंघन के मामले में आरोपी दोनों वकीलों को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबीआई द्वारा इसी साल मई में दर्ज किए गए केस के आधार पर इन दोनों के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।

    इस मामले में सीबीआई इन दोनों वकीलों के ठिकानों पर छापे भी मार चुकी है। इन आरोपों को नकारते हुए इंदिरा जयसिंह की ओर से कहा गया था कि यह बदले की कार्रवाई की जा रही है।

    यह है मामला

    गौरतलब है कि सीबीआई ने इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर पर विदेशी चंदे को भारत से बाहर भेजकर उसके दुरुपयोग का आरोप लगाया है। आरोपों के मुताबिक, इंदिरा जयसिंह जब 2009 से 2014 के बीच अडिशनल सॉलिसिटर जनरल थीं तो उस दौरान उनके एनजीओ लॉयर्स कलेक्टिव ने विदेशी चंदे से जुड़े कानून का उल्लंघन किया। सीबीआई के मुताबिक उस वक्त इंदिरा जयसिंह के विदेश दौरों पर खर्च को एनजीओ के खर्च के रूप में दिखाया गया था और इसके लिए गृह मंत्रालय से जरूरी इजाजत भी नहीं ली गई थी।

    आरोप है कि 2006-07 से 2014-15 के बीच लॉयर्स कलेक्टिव को 32.39 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, जिसमें FCRA का उल्लंघन किया गया था। लॉयर्स कलेक्टिव द्वारा FCRA के कथित उल्लंघन के मामले में लॉयर्स वॉयस नाम के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की है। याचिका में एनजीओ पर विदेशी चंदे का इस्तेमाल 'देशविरोधी गतिविधियों' के लिए करने का आरोप लगाया गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए मई में सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा जयसिंह, आनंद ग्रोवर और उनके एनजीओ को नोटिस जारी किया था।

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