इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (द्वारका) ने मरीजों के परिवारों द्वारा डॉक्टरों को हमले से बचाने के लिए दिशा-निर्देश की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

LiveLaw News Network

5 April 2022 6:45 PM IST

  • इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (द्वारका) ने मरीजों के परिवारों द्वारा डॉक्टरों को हमले से बचाने के लिए दिशा-निर्देश की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

    राजस्थान में एक मरीज के परिवार द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण हाल ही में एक महिला डॉक्टर की आत्महत्या की घटना की पृष्ठभूमि में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारका ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर उन डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है, जिन पर मरीजों के इलाज में कमी के शक पर मारपीट और हमले किये जाते हैं।

    सुप्रीम कोर्ट में दायर उक्त जनहित याचिका में सार्वजनिक सेवा के लिए अपनी जान गंवाने वाले ऐसे मृत डॉक्टरों के परिवार और आश्रितों को मुआवजा देने के लिए एक तंत्र विकसित करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है।

    याचिका में मेडिकल लापरवाही के मामलों को संभालने के लिए देश भर के सभी पुलिस स्टेशनों में डिजिटल रूप से सुसज्जित मेडिको-लीगल सेल की स्थापना के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी करने के लिए और निर्देश मांगे गए हैं।

    अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से दायर याचिका में उन परिस्थितियों की सीबीआई जांच का गठन करने की भी मांग की गई है, जिसके कारण राजस्थान की युवा महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली थी।

    याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि मृतक डॉक्टर स्थानीय राजनेताओं द्वारा मृतक रोगियों के रिश्तेदारों के साथ-साथ पुलिस के माध्यम से उत्पीड़न का शिकार हुई है, जिन्होंने मृतक और उसके पति दोनों पर आईपीसी 1860 की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करवाया था।

    याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया है कि उसने हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री को भी लिखा है, जिसमें इलाज करने वाले डॉक्टरों की पूर्ण सुरक्षा के लिए कुछ दिशानिर्देश लाने का अनुरोध किया गया है, लेकिन उक्त मुद्दे पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

    राजस्थान में महिला डॉक्टर की मौत की सीबीआई जांच की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि राज्य पुलिस पूरी घटना में सहयोगी बन गई है और मृतक डॉक्टर और उसके परिवार को प्रताड़ित करने में सक्रिय भूमिका निभाई है, इसलिए राज्य पुलिस से जांच की स्वतंत्रता की उम्मीद नहीं की जा सकती।

    याचिकाकर्ता के अनुसार जबकि इस तरह की घटनाएं पूरे देश में काफी आम हैं और ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की रोकथाम के लिए कोई नियम/नीति/दिशानिर्देश नहीं है और पेशे के असुरक्षित माहौल के कारण बड़ी संख्या में डॉक्टर शिकार हो रहे हैं।

    केस शीर्षक: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारका बनाम भारत संघ और अन्य

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